वित्त मंत्री (Finance Minister) निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने शुक्रवार को कहा पिछले सप्ताह लोकसभा में पेश बजट में प्रोत्साहन के सुविचारित एवं बुद्धिमतापूर्ण उपाय किये गये हैं. देश की आर्थिक राजधानी में उद्योग (Industry) जगत के प्रतिनिधियों से बातचीत में वित्त मंत्री ने कहा कि बजट में पूर्व में वृद्धि दर में सुस्ती के सभी अनुभवों को शामिल किया गया है. उन सभी मामलों में सरकार को प्रोत्साहन देने की जरूरत पड़ी थी.
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कई क्षेत्रों ने बजट को लेकर जताई थी निराशा
यहां उल्लेखनीय है कि कई क्षेत्रों ने बजट को लेकर निराशा जताई है. उनका कहना है कि ऐसे समय जबकि वृद्धि दर दशक के निचले स्तर पर आ गई है, वृद्धि को प्रोत्साहन के लिए कुछ बड़ी घोषणाओं की उम्मीद थी. सीतारमण ने परिचर्चा में कहा कि पिछले अनुभवों के आधार पर हमने अनिवार्य रूप से यह सुनिश्चित किया कि सोच विचार कर प्रोत्साहन दिया जाए. उन्होंने कहा कि हमने वृहद आर्थिक बुनियाद को ध्यान में रखा और यह सुनिश्चित किया कि उपभोग बढ़ाने तथा साथ में निवेश सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक प्रोत्साहन, जो आज के समय की जरूरत हैं, उपलब्ध कराए जाएं.
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इस मौके पर वित्त मंत्री के साथ उनके मंत्रालय के सभी सचिव भी मौजूद थे. उन्होंने कहा कि पूर्व में प्रदान किए गए प्रोत्साहन की तुलना में हमने काफी सोच समझकर केंद्रित और स्पष्ट तरीके से बजट में उपाय किए हैं. इसके पीछे स्पष्ट मंशा पूंजीगत संपत्तियां बनाने के लिए जिम्मेदारी से व्यय करने की है. वित्त मंत्री ने कहा कि ग्रामीण और कृषि क्षेत्र का 16 सूत्रीय एजेंडे के जरिये ध्यान रखा गया है. स्टार्टअप के लिए प्रोत्साहन दिया गया है. साथ ही बुनियादी ढांचा निवेश पर भी ध्यान दिया गया है.