सरकार ने साफ कर दिया है कि यह बजट अंतरिम बजट ही होगा. यह बजट पूर्ण बजट नहीं होगा. बता दें कि अभी तक यह अटकलें लगाई जा रही थीं कि मोदी सरकार चुनाव को देखते हुए पूर्ण बजट पेश कर सकती है. इतना ही नहीं यह भी कहा जा रहा था कि सरकार इस बजट को पूर्ण बजट के रूप में पेश करते हुए इसे लोकलुभाव बजट बना देगी ताकि चुनाव में इसका फायदा उठाया जा सके.
उल्लेखनीय है कि वित्तमंत्री अरुण जेटली की तबीयत खराब है और अब रेलमंत्री पीयूष गोयल को वित्तमंत्रालय का प्रभार दिया गया है. बताया जा रहा है कि पीयूष गोयल इस बार बजट पेश करेंगे.
उल्लेखनीय है कि हाल ही में पीयूष गोयल को एक बार फिर वित्त मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार सौंपे जाने के बाद यह संशय तो दूर हो गया कि अगला बजट कौन पेश करेगा. जानकारी के लिए बता दें कि आम चुनाव से थोड़ा ही पहले पेश होने के कारण आगामी बजट के स्वरूप को लेकर अटकल लगाई जा रही है कि क्या यह सिर्फ लेखानुदान होगा जिसमें संसद द्वारा अगले वित्त वर्ष के दौरान संक्रमण अवधि के लिए सरकार के खर्च को मंजूरी प्रदान की जाएगी या फिर गोयल इसके अतिरिक्त राजस्व और व्यय दोनों का आकलन पेश करेंगे, जिसके सरकार के नीतिगत कदम भी शामिल होंगे.
अब तक देश में कार्यकाल समाप्त होने वाली सरकारों ने अंतरिम बजट में बड़ी नीतिगत फैसले लेने या कराधान के प्रस्ताव करने से दूर रहने की परंपरा का पालन किया है.
Source : Ravikant Rai