आयकर (Income Tax) के पुराने विवादों का समाधान नई एमनेस्टी स्कीम (Amnesty Scheme) के जरिए करके सरकार करीब दो लाख करोड़ रुपये जुटा सकती है. वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण शनिवार को आम बजट 2020-21 (Budget 2020) लोकसभा में पेश करते हुए ऐसी नई स्कीम की घोषणा कर सकती है क्योंकि सरकार उन साधनों को तलाश रही है जिससे राजस्व को बढ़ाया जाए. यहां एमनेस्टी स्कीम से मतलब कर विवादों के निपटारे के लिए सरकार द्वारा लाई जाने वाली माफी योजना से है जिसमें सरकार विवादों के निपटारे के लिए आयकरदाताओं को बकाया कर का भुगतान करने का मौका देती है.
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सबका विश्वास योजना का आईना
यह एमनेस्टी स्कीम सरकार के लिए सबका विश्वास योजना का आईना बन सकती है. सीमा शुल्क और उत्पाद शुल्क समाधान एमनेस्टी स्कीम से सरकार ने करीब 38,000 करोड़ रुपये जुटाए हैं. नई स्कीम कॉरपोरेट और व्यक्तिगत आयकर के पुराने विवादों के लिए होगी जिनमें पांच लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की भारी-भरकम राशि फंसी हुई है. सूत्र बताते हैं कि मोदी सरकार को उम्मीद है कि इस स्कीम के जरिए कॉरपोरेट और व्यक्तिगत कर से दो लाख करोड़ रुपये जुटाए जा सकते हैं.
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करदाताओं को मिल सकती है खुशखबरी
निर्मला सीतारमण अपने दूसरे बजट में टैक्सपेयर्स के खुशखबरी दे सकती हैं. उम्मीद की जा रही है कि छूट की सीमा बढ़ाई जा सकती है और टैक्स स्लैब में हाई रेट में बदलाव किए जा सकते हैं. इससे पहले कर परामर्श कंपनी केपीएमजी के सर्वे में भी दावा किया गया था कि इस बजट में निर्मला सीतारमण मौजूदा छूट की सीमा 2.5 लाख से बढ़ा सकती हैं. इसके अलावा कैपिटल गेन्स पर लगने वाले टैक्स में भी राहत दी जा सकती है.
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वर्तमान में यह है टैक्स रेट
वर्तमान में 2.5 लाख तक टैक्स फ्री है. 2.5 से 5 लाख तक 5 पर्सेंट टैक्स लगता है, हालांकि चालू वित्त वर्ष के लिए 5 लाख तक इनकम टैक्स फ्री है. 5 लाख से 10 लाख तक कमाई पर 20 फीसदी टैक्स और 10 लाख से ज्यादा पर 30 पर्सेंट टैक्स लगता है.
HIGHLIGHTS
- नई एमनेस्टी स्कीम से सरकार दो लाख करोड़ रुपये जुटा सकती है.
- सरकार उन साधनों को तलाश रही है जिससे राजस्व को बढ़ाया जाए.
- टैक्स स्लैब में हाई रेट में बदलाव किए जा सकते हैं.