अंतरिम बजट प्रस्तावों को पूरा करने के लिए आर्थिक प्रावधानों पर चिंता जताते हुए, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बजट को 'तमाशा' और 'बीजेपी का चुनावी घोषणा पत्र' बताया. उन्होंने यहां पत्रकारों से कहा, "बजट प्रस्तावों को लागू नहीं किया जा सकेगा..नई सरकार बजट पेश करेगी. इस सरकार की अंतिम तिथि एक माह में पूरी हो जाएगी. एक माह में वे क्या लागू करेंगे." उन्होंने कहा, "चुनावों के पहले 'अंतरिम बजट' का कोई भविष्य नहीं है." बनर्जी ने कहा, "कोई भी देश की वित्तीय हालात को नहीं जानता है. अगर हम सही से इसका अर्थ निकालें तो, यह स्पष्ट है कि हमारे देश में आर्थिक आपातकाल चल रहा है. हमारी चिंता है कि कहां से पैसा आएगा? कैसे पैसे का प्रबंध होगा."
बनर्जी ने कहा, "वे लोग झूठ बोल रहे हैं और लोगों को धोखा दे रहे हैं..यह बजट एक तमाशा है और बीजेपी का चुनावी घोषणा पत्र लोगों को धोखा देने के लिए है."
उन्होंने कहा कि केंद्र के बजट में मनरेगा के लिए अतिरिक्त राशि नहीं दी गई है और ग्रामीण विकास कार्यक्रमों के लिए आवंटन में बढ़ोतरी नहीं की गई है.
उन्होंने यह भी कहा कि स्वच्छ भारत मिशन परियोजना के लिए 25 प्रतिशत कम आवंटन किया गया और कौशल विकास योजना के लिए आवंटित निधि कम है.
उन्होंने कहा, "एससी/एसटी आवंटन में भी 29 प्रतिशत की कमी आई है."
उन्होंने कहा, "सरकार को पूरे वर्ष का बजट पेश करने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है, क्योंकि चुनावों के बाद यह सरकार सत्ता में नहीं रहेगी."
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, "यह निश्चित ही महत्वहीन है. उन्होंने इस बजट की घोषणा पहले क्यों नहीं की और उन्होंने क्यों नहीं किसानों के लिए एक एजेंडे की घोषणा की?"
Source : IANS