Advertisment

अंतरिम बजट सत्र को सुचारू तरीके से चलाने के लिए 30 और 31 जनवरी को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक

1 फरवरी से 13 फरवरी तक संसद का सत्र बुलाया गया है. इस सत्र में सरकार अंतरिम बजट पेश करेगी. नई सरकार चुने जाने के बाद पूर्ण बजट पेश किया जाएगा.

author-image
Sunil Mishra
एडिट
New Update
अंतरिम बजट सत्र को सुचारू तरीके से चलाने के लिए 30 और 31 जनवरी को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक

राज्‍यसभा के चेयरमैन एम वेंकैया नायडू और लोकसभा की स्‍पीकर सुमित्रा महाजन

Advertisment

संसद के अंतरिम बजट सत्र से पहले लोकसभा और राज्‍यसभा की कार्यवाही सुचारू रूप से चले, इसके लिए लोकसभा अध्‍यक्ष सुमित्रा महाजन और राज्‍यसभा चेयरमैन एम वेंकैया नायडू ने सर्वदलीय बैठक बुलाई है. लोकसभा अध्‍यक्ष सुमित्रा महाजन ने 30 जनवरी को तो राज्‍यसभा के चेयरमैन एम वेंकैया नायडू ने 31 जनवरी को बैठक बुलाई है. सवर्दलीय बैठक में दोनों सदनों के सुचारू तरीके से चलाने पर चर्चा की जाएगी.

यह भी पढ़ें : बजट 2019 को अंतिम रूप देने में जुटे अधिकारी, आयकर में मिल सकती है रियायत

बता दें कि 1 फरवरी से 13 फरवरी तक संसद का सत्र बुलाया गया है. इस सत्र में सरकार अंतरिम बजट पेश करेगी. नई सरकार चुने जाने के बाद पूर्ण बजट पेश किया जाएगा. इस बार का बजट वित्‍त मंत्री अरुण जेटली की गैर मौजूदगी में कार्यवाहक वित्‍त मंत्री बनाए गए पीयूष गोयल अंतरिम बजट पेश करेंगे. वित्‍त मंत्री स्‍वास्‍थ्‍य कारणों से अमेरिका गए हुए हैं और बजट पेश करने के दौरान मौजूद नहीं रहेंगे.

हलवा सेरेमनी में दोनों वित्त राज्यमंत्री हुए शामिल, देखें VIDEO 

यह भी पढ़ें : मोदी सरकार को पूर्ण बजट पेश करने का अधिकार नहीं : कांग्रेस

इस बार कुछ बड़ा कर सकती है सरकार
इस बार अंतरिम बजट पीयूष गोयल पेश करने वाले हैं. माना जा रहा है कि आगामी लोकसभा चुनावों के मद्देनजर सरकार इस बार बजट में कुछ खास करने वाली है. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की चुनावी चिंताओं के लिहाज से यह तय है कि अंतरिम बजट महज औपचारिकता नहीं रहने वाला है. संकेत हैं कि इस अंतरिम बजट में कुछ लोकलुभावन घोषणाएं जरूर होंगी. वित्त मंत्रालय के दो विभागीय आदेश इस बात की पुष्टि करते प्रतीत होते हैं. मंत्रालयों से कहा गया कि वे '10 जनवरी 2019 तक अप्रैल-जुलाई के खर्च और जरूरतों की न्यायसंगत समीक्षा करते हुए अपने मद भेज दें.'

यह भी पढ़ें : एक बार फिर संकट मोचक की भूमिका में रेल मंत्री पीयूष गोयल, पेश करेंगे अंतरिम बजट

चर्चा यह भी
सियासी गलियारों में सरकार के दो बड़े उपायों पर चर्चा चल रही है. खबर है कि इनमें से एक भावांतर योजना की तर्ज पर किसानों के लिए बड़ी घोषणा हो सकती है. इसके जरिए मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान की सरकार किसानों के खाते में सीधे नकद रकम हस्तांतरित करती थी और नौकरीपेशा वर्ग के लिए आयकर की सीमा को ऊपर करने के उपाय की भी चर्चा है.

यह भी पढ़ें : एक फरवरी को पेश होने जा रहा अंतरिम बजट, जानिए बजट की ABCD

क्‍या है अंतरिम बजट
अंतरिम बजट चुनावी साल में कुछ वक्त तक देश को चलाने के लिए खर्चों का इंतजाम करने की औपचारिकता है. नई सरकार बनाने के लिए जो समय होता है, उस अवधि के लिए अंतरिम बजट संसद में पेश किया जाता है. इस बजट में कोई भी ऐसा फैसला नहीं किया जाता है, जिसमें ऐसे नीतिगत फैसले हों जिसके लिए संसद की मंजूरी लेनी पड़े या फिर कानून में संशोधन की जरूरत हो. अंतरिम बजट की परंपरा है कि इसमें डायरेक्ट टैक्स, जिसमें इनकम टैक्स शामिल है, उसमें कोई बदलाव नहीं किया जाता. इनडायरेक्ट टैक्सों में भी कम ही बदलाव किया जाता है. सरकार अगर कोई चीज सस्ती करनी चाहे तो वह इंपोर्ट, एक्साइज या सर्विस टैक्स में थोड़ी राहत देती है. अमूमन यह देखा गया है कि अगर किसी और पार्टी की सरकार केंद्र में बनती है तो वह बजट में लिए गए कदमों में बदलाव कर देती है. वह अपनी सोच और नीति के साथ बजट तय करती है. इसलिए अंतरिम बजट में कुछ भी कदम उठाने से बचा जाता है.

Source : News Nation Bureau

interim budget All Party Meeting Full Budget Piyush Goel Arun Jaitley VOTE ON ACCOUNT what is interim budget Interim Budget Session Full Budget Session
Advertisment
Advertisment
Advertisment