प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की अगुवाई में केंद्र सरकार ने शुक्रवार को पूर्ण बजट पेश किया. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार (5 जुलाई) को पूर्ण बजट (Budget) पेश किया. बीजेपी नेता और पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 'The Budget 2019-20' शीषर्क से फेसबुक पर एक ब्लॉग लिखकर टिप्पणी की है.
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मीडियम टर्म के लिए एक पॉलिसी डॉक्यूमेंट है बजट
अरुण जेटली ने लिखा है कि बजट हर साल के आय और खर्चों का लेखा-जोखा होता है. उनका कहना है कि भारतीय अर्थव्यवस्था के बढ़ने के साथ ही बजट को एक पॉलिसी डॉक्यूमेंट के रूप में देखा जाने लगा है. निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किया गया बजट मीडियम टर्म के लिए एक पॉलिसी डॉक्यूमेंट है.
बजट के द्वारा ही पिछली दिशानिर्देशों को आगे ले जाने में मदद मिलती है. उन्होंने कहा कि 2014-19 के दौरान भारत में 7.3 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई. देश के राजस्व में भी तेजी से वृद्धि हुई और इसने चालू खाता घाटा और फिस्कल डेफिसिट में स्थिरता लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. वहीं मौजूदा बजट में स्थिरता लाने के प्रयास किए गए हैं.
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Direct Benefit Transfer से लोगों को मिला काफी फायदा
अरुण जेटली ने लिखा है कि अक्सर पूछा जाता है कि अच्छे अर्थशास्त्र और चालाक राजनीति के बीच किसी एक को चुनना पड़े तो क्या चुनेंगे. उनका कहना है कि इसका चुनाव अनुचित है क्योंकि किसी भी सरकार को जीवित रहने और प्रदर्शन करने के लिए दोनों की आवश्यकता होती है. उन्होंने लिखा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पहला कार्यकाल अच्छी राजनीति और अच्छे अर्थशास्त्र का बेहतरीन मिश्रण था. जन धन खातों और आधार ने प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण की आधारशिला रखी, जिसकी लोगों को काफी जरूरत थी. सरकार के इस कदम के बाद सब्सिडी अब किसी अज्ञात वर्ग के लोगों को वितरित की जाने वाली अज्ञात राशि नहीं रह गई थी.
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50 करोड़ लोगों को अस्पताल में सालाना 5 लाख रुपये का इलाज कराने की सुविधा प्रदान की गई है. इन मूलभूत सुविधाओं की वजह से उनकी जिंदगी में सुधार आया है. सुधारों को आगे बढ़ाते हुए ग्रामीण आवास कार्यक्रम को पूरा किया जा रहा है और उसे गरीबों तक पहुंचाया जा रहा है. इसके अलावा गैस कनेक्शन कार्यक्रम के शेष हिस्से का समापन भी किया जाएगा. 'हर घर के लिए नल' के लिए नदियों को साफ करना और पर्याप्त जल प्रबंधन करना आवश्यक है.
उन्होंने निर्मला सीतारमण की तारीफ करते हुए लिखा है कि बीते 5 वर्ष में इंफ्रास्ट्रक्चर पर पूरा ध्यान केंद्रित किया गया था. वित्त मंत्री ने इस बजट में इंफ्रास्ट्रक्चर को काफी महत्वपूर्ण स्थान दिया है. राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण काफी तेजी से हो रहा है और उसके लिए बजट में पर्याप्त फंड मुहैया कराया गया है. वहीं रेलवे भी सरकार की पहली प्राथमिकताओं में शामिल है.
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NBFC को सपोर्ट सकारात्मक कदम
बैंकिंग और वित्तीय क्षेत्र में सुधारों की दिशा को बनाए रखा गया है. सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का एकीकरण इसलिए किया जा रहा है, ताकि वो कम तो हो लेकिन वित्तीय रूप से काफी मजबूत बैंक हो. बैंकों के पुनर्पूंजीकरण के लिए एक बड़ा आवंटन किया गया है ताकि विकास में सुधार के लिए उधार देने की उनकी क्षमता बढ़ सके.
बजट में एनबीएफसी को समर्थन के बारे में ठोस प्रस्ताव शामिल हैं, जिनकी तरलता, पिछले कई महीनों से तनाव में थी और उपभोक्ता की क्रय शक्ति कम कर दी थी, जिसका नकारात्मक असर रियल एस्टेट, ऑटोमोबाइल और एमएसएमई सेक्टर पर पड़ा था.