केंद्र की नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार अगले वित्त वर्ष के लिए विनिवेश को लेकर योजना पर काम कर रही है. मोदी सरकार (Modi Government) ने एक्शन प्लान के लिए तैयारी भी शुरू कर दी है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 16 जनवरी को इसको लेकर सचिवों की बैठक हो सकती है. इस बैठक में चालू वित्त वर्ष के विनिवेश कार्यक्रम की समीक्षा भी की जा सकती है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आगामी बजट (Budget 2020) में विनिवेश को लेकर कुछ बड़े फैसले हो सकते हैं.
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सरकारी पेट्रोलियम कंपनियों के कर्मचारियों ने किया बीपीसीएल के विनिवेश का विरोध
सरकारी पेट्रोलियम कंपनियों के कर्मचारी संगठनों ने भारत पेट्रोलियम कॉरपेारेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) के रणनीतिक विनिवेश का विरोध किया था. उन्होंने कहा कि इस विनिवेश से सरकार को एक बारगी राजस्व की प्राप्ति तो हो सकती है लेकिन इसका दीर्घकाल में बड़ा नुकसान होगा. सरकार बीपीसीएल में बहुलांश हिस्सेदारी बेचकर 70 हजार करोड़ रुपये से अधिक की राशि जुटाने की योजना बना रही है. वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ट अधिकारी ने कहा कि बिक्री को अगले साल के लिये टाला जा सकता है. कंफेडरेशन ऑफ महारत्न ऑफिसर्स एसोसिएशन और फेडरेशन ऑफ ऑयल पीएसयू ऑफिसर्स ने शनिवार को यहां संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में अपना विरोध जताया.
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दोनों संगठनों ने दावा किया कि बीपीसीएल के विनिवेश से सरकार को घाटा होगा. उन्होंने दावा किया कि कंपनी का मूल्यांकन 9.75 लाख करोड़ रुपये है जबकि सरकार को उसकी 53.29 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने से अधिकतम 75 हजार करोड़ रुपये ही मिल पायेंगे. ओएनजीसी के एक वरिष्ठ अधिकारी अमित कुमार ने कहा था कि बीपीसीएल लाभ कमाने वाली देश की सबसे दक्ष कंपनी है और पिछले पांच साल से यह सालाना 17 हजार करोड़ रुपये दे रही है. उन्होंने कहा कि हम सरकार से अनुरोध कर रहे हैं कि वह बीपीसीएल के विनिवेश के निर्णय पर पुनर्विचार करे. विनिवेश अल्पकाल के लिये प्राप्ति हो सकती है लेकिन इसका लंबे समय में काफी नुकसान उठाना पड़ेगा. (इनपुट भाषा)
Source : News Nation Bureau