Budget 2019: KPMG की रिपोर्ट में खुलासा, ज्यादा कमाने वालों पर लग सकता है ज्यादा टैक्स

Budget 2019: आने वाले बजट में व्यक्तिगत आयकर दाताओं के लिए कर छूट की सीमा मौजूदा 2.5 लाख रुपये से ऊपर बढ़ सकती है. इसके साथ ही 10 करोड़ रुपये से अधिक सालाना आय वालों पर 40 फीसदी की ऊंची दर से आयकर लगाया जा सकता है.

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Dhirendra Kumar
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Budget 2019: KPMG की रिपोर्ट में खुलासा, ज्यादा कमाने वालों पर लग सकता है ज्यादा टैक्स

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) -फाइल फोटो

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Budget 2019: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की अगुवाई में केंद्र सरकार अपना पहला पूर्ण बजट अगले महीने पेश करने जा रही है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 5 जुलाई को पूर्ण बजट (Budget) पेश करेंगी.

आने वाले बजट में व्यक्तिगत आयकर दाताओं के लिए कर छूट की सीमा मौजूदा 2.5 लाख रुपये से ऊपर बढ़ सकती है. इसके साथ ही 10 करोड़ रुपये से अधिक सालाना आय वालों पर 40 फीसदी की ऊंची दर से आयकर लगाया जा सकता है. केपीएमजी (KPMG) के एक सर्वे में यह अनुमान लगाया गया है.

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सुपर रिच लोगों पर टैक्स का दायरा बढ़ने की संभावना
केपीएमजी (इंडिया) (KPMG India) के 2019-20 के बजट से पहले किए गए इस सर्वे में विभिन्न उद्योगों के 226 लोगों के विचार लिए गए हैं. सर्वे में शामिल 74 फीसदी लोगों ने राय जताई है कि व्यक्तिगत आयकर छूट सीमा को 2.5 लाख रुपये से आगे बढ़ाया जाएगा. वहीं 58 फीसदी का कहना था कि सरकार 10 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई करने वाले सुपर रिच लोगों पर 40 फीसदी की ऊंची दर से कर लगाने पर विचार कर सकती है.

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सर्वे में 13 फीसदी की राय थी कि विरासत कर को वापस लिया जा सकता है, जबकि 10 प्रतिशत ने कहा कि संपदा कर-एस्टेट शुल्क को पुन: लागू किया जाना चाहिए. घरों की मांग में बढ़ाने के लिए 65 फीसदी लोगों का मानना था कि बजट में खुद रहने वाले मकान पर आवास ऋण पर ब्याज दिए गए ब्याज पर कर कटौती सीमा को दो लाख रुपये से आगे बढ़ाया जा सकता है. वहीं 51 फीसदी ने कहा कि सरकार आवास ऋण की मूल राशि के पुनर्भुगतान पर धारा 80 सी के तहत मौजूदा 1.5 लाख रुपये की कर छूट सीमा में से अलग राशि तय कर सकती है.

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हालांकि, 53 फीसदी लोगों की राय यह भी थी कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पांच जुलाई को पेश होने वाले बजट में प्रत्यक्ष करों में कोई बड़ा बदलाव नहीं करेंगी. वहीं 46 प्रतिशत का कहना था कि सभी कंपनियों के लिए कॉरपोरेट कर की दर को घटाकर 25 फीसदी नहीं किया जाना चाहिए. उद्योग मंडल कंपनी कर की दर कम करने की मांग कर रहे हैं.

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