Budget 2024: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को आम बजट पेश करने वाली हैं. बजट पेश में होने में अब काफी कम वक्त बचा है, यही वजह है कि कई सेक्टर्स को इस अंतरिम बजट से काफी उम्मीदे हैं. नौकरी पेशा से लेकर मकान मालिक तक और किसानों तक इस बजट में किसको क्या मिलेगा इसको लेकर काफी अटकलें लगाई जा रही हैं. खास बात यह है कि इस बार बजट के बाद पीएम किसान किश्त की रकम में खासा इजाफा हो सकता है. ऐसा होता है तो बजट के बाद किसानों की बल्ले-बल्ले होना तय है.
बजट को लेकर मोदी सरकार का ध्यान चुनावी वर्ष की वजह से जनता को खुश करने पर रहने की उम्मीद है. ऐसा होता है तो ना सिर्फ कारोबारी बल्कि नौकरी पेशा और किसानों को बड़ी राहत मिल सकती है. माना जा रहा है कि इस बार का बजट रोटी, मकान, जॉब और किसान के आस-पास रह सकता है.
बजट में होंगे रोजगार बढ़ाने के अवसर
इस बार बजट 2024 में मोदी सरकार का फोकस रोजगार सृजन पर हो सकता है. युवाओं को नौकरी देने और नौकरीपेशा को राहत देने को लेकर भी इस बजट में कुछ अहम फैसले लिए जा सकते हैं. हर वर्ष लाखों युवा वर्कफोर्स का हिस्सा बन रही हैं. इसको लेकर पहले भी मोदी सरकार अहम आंकड़े जारी कर चुकी है. लेकिन बजट में एक बार फिर बड़ी संख्या में नए रोजगार देने पर वित्त मंत्री का फोकस हो सकता है.
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जानकारों की मानें तो मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र पर सरकार अपना ध्यान बढ़ा सकती है. ऐसे में नए रोजगार का सृजन तो होगा ही वोकल फॉर लोकल को भी बढ़ावा मिलेगा. इसके साथ ही प्रोडक्शन लिंक्ड इनसेंटिव यानी PLI स्कीम का दायरा भी बढ़ाया जा सकता है. ऐसे जहां मजदूर या कर्मचारियों की जरूरत ज्यादा होती है ऐसे सेक्टर को इकोनॉमी में शामिल किया जा सकता है.
पीएम किसान किश्त में बढ़ोतरी की तैयारी
अंतरिम बजट में सरकार का फोकस किसानों पर भी होगा. खास तौर पर किसानों को खुश करने के लिए मोदी सरकार अपने चुनावी बजट में पीएम किसान किश्त की रकम में इजाफा कर सकती है. यानी ये रकत बढ़ाकर 9000 रुपए तक की जा सकती है. इसके पीछे जो बड़ी वजह है वह यह कि इस इजाफे से जीडीपी पर 0.1 परसेंट का ही असर पड़ेगा.
ऐसे में मोदी सरकार को इस बढ़ोतरी से ज्यादा परेशानी नहीं होगी. लेकिन ये फैसला लिया जाता है तो निश्चित रूप से किसानों के चेहरे पर मुस्कान लाने में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सफल हो जाएंगी.
खाद्य सामग्री के दामों में कटौती
आम जनता को बजट में खुश करने के लिए सबसे बड़ी जरूरत होती है रोटी यानी खाने-पीने के सामान जो रोजमर्रा में आते हैं उनके दामों पर नियंत्रण करना. इस अंतरिम बजट में भी मोदी सरकार का फोकस उन चीजों के दामों को कंट्रोल करने पर होगा जिनकी जरूरत लोगों को रोजाना पड़ती है. इनमें दालों के दाम, खाद्य तेल की कीमत प्रमुख रूप से शामिल है. इसके अलावा रसोई गैस की कीमत पर भी अगर सरकार कटौती करने में सफल होती है तो यह गृहणियों यानी आधी आबादी के लिए भी कारगर प्रयास होगा.
Source : News Nation Bureau