मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला संसद सत्र शुरू हो चुका है. अब लोग बजट सत्र का इंतजार कर रहे हैं. उम्मीद है कि मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट 22 जुलाई को पेश हो सकता है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सदन में यह बजट पेश करेंगी. तीसरे कार्यकाल के पहले बजट पर कारोबारियों के साथ-साथ आम आदमी की भी नजर रहेगी. रियल एस्टेट सेक्टर को भी बजट से काफी उम्मीदें हैं. रियल एस्टेट सेक्टर को उम्मीद है कि इस बार उसे इंडस्ट्री का दर्जा मिल सकता है. साथ ही होमलोन पर टैक्स से छूट की लिमिट बढ़ाए जाने की उम्मीद है.
इंडस्ट्री का दर्जा मिलने से जल्द मिलेंगे अप्रूवल
इंडस्ट्री बॉडी एसोचैम के चेयरमैन प्रदीप अग्रवाल का कहना है कि बजट में रियल एस्टेट सेक्टर के विकास के लिए अहम सुधारों के एलान की उम्मीद है. अगर रियल एस्टेट को इंडस्ट्री का दर्जा अगर मिलता है तो निवेश में इजाफा होगा. रेगुलेशन को मजबूती मिलेगी. सिंगल विंडो क्लीयरेंस सिस्टम की मदद से प्रोजेक्टों का जल्द अप्रूवल हो जाएगा. प्रोजक्ट भी समय से पूरे होंगे. प्रॉपर्टी की कीमतें कम होने और पारदर्शिता बढ़ाने के लिए जीएसटी इनपुट टैक्स क्रेडिट का रीवैल्यूएशन जरूरी है.
सतत विकास सुनिश्चित करें बजट
क्रिशुमी कॉरपोरेशन के एमडी मोहित जैन का कहना है कि रियल एस्टेट सेक्टर को मोदी 3.0 के बजट से काफी उम्मीद है. बजट में इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट पर जोर हो सकता है. सरकार हाउसिंग फॉर ऑल पर जोर दे रही है इसलिए उम्मीद है कि सीएलएसएस दोबारा लॉन्च हो सकता है. वहीं, फ्रिक्स के सीईओ श्रीनिवास राव का कहना है कि हमें चाहते हैं कि बजट ऐसा हो, जो अहम मुद्दों को सुलझाए और सतत विकास को सुनिश्चित करे. अगर सरकार सेक्ट को इंडस्ट्री का दर्जा देते हैं तो फंड आसानी से मिल पाएंगे. विदेशी निवेशक भी इस ओर आकर्षित होंगे.
सैलरी वाले लोगों को फायदा मिलना चाहिए
अग्रवाल का कहना है कि होम लोन पर ब्याज की छूट को बढ़ाकर पांच लाख करना चाहिए. इससे सेक्टर में मांग बढ़ेगी. वहीं, जैन का कहना है कि सैलरी कैटेगरी वालों को बजट में अधिक फायदे मिलने चाहिए. होमलोन के मूलधन और ब्याज पर छूट को बढ़ाना चाहिए. आने वाले दो-तीन साल में प्रॉपर्टी की कीमतों में इजाफा हो सकता है, इसके मद्देनजर दो लाख की टैक्स छूट को बढ़ाकर कम से कम पांच लाख रुपये करना चाहिए.
Source : News Nation Bureau