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Budget 2024: रियल एस्‍टेट सेक्टर की अंतरिम बजट से उम्मीदें, सिंगल विंडो क्‍लीयरेंस से लेकर उद्योग का दर्जा देने की मांग

आगामी अंतरिम बजट से पूरा देश उम्मीद लगाए बैठा है. युवा, किसान, कारोबारी समेत रियल सेक्टर भी बजट को लेकर उत्साहित है. रियल एस्टेट सेक्टर की कई सारी उम्मीदें हैं. रियल एस्टेट सेक्टर लंबे समय से उद्योग का दर्जा देने समेत सिंगल विंडो क्लीयरेंस की दिशा में काम करने की मांग कर रहा है.

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Vikash Gupta
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रियल स्टेट सेक्टर

रियल एस्टेट सेक्टर( Photo Credit : News Nation)

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Budget 2024: संसद का बजट सत्र 31 जनवरी से शुरू हो रहा है. 1 फरवरी को केंद्रीय वित्त मंत्री सीतारमण संसद में अंतरिम बजट पेश करेंगी. ये मोदी सरकार-2 का आखरी और अंतरिम बजट है.  वित्त मंत्री की ओर कुछ बड़े ऐलान हो सकते हैं. वहीं, इस साल के मध्य में आम चुनाव होने वाले हैं. इसलिए जनता को उम्मीद है कि लोगों के पॉकेट में कुछ पैसे दिखे. इसलिए टैक्स में राहत की बात की भी चर्चा हो रही है. आगामी अंतरिम बजट से पूरा देश उम्मीद लगाए बैठा है. युवा, किसान, कारोबारी समेत रियल सेक्टर भी बजट को लेकर उत्साहित है. रियल एस्टेट सेक्टर की कई सारी उम्मीदें हैं. रियल एस्टेट सेक्टर लंबे समय से उद्योग का दर्जा देने समेत सिंगल विंडो क्लीयरेंस की दिशा में काम करने की मांग कर रहा है. आइए क्या चाहता है रियल एस्टेट ये आज हम आपको बताएंगे. 

भारत एक विकासशील देश है, इसलिए यहां डेवलपमेंट से जुड़े कई काम चल रहे हैं. इसमें सड़कों का निर्माण, घरों का निर्माण जैसी चीजें शामिल हैं. रियल एस्टेट सेक्टर एक बड़ा सेक्टर है. इस सेक्टर से प्रत्यक्ष या अप्रत्क्ष रूप से लाखों नौकरियां लोगों को मिलती है. भारत में कई ऐसे शख्स होंगे जो इस साल घर बनाने या घर लेने का प्लान बना रहे होंगे. इसलिए रियल सेक्टर चाहता है कि वित्त मंत्री होम लोन को और सस्ता करें. इससे अधिक से अधिक लोग फायदा उठा पाएंगे.  

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उद्योग का दर्जा और सिंगल विंडो सिस्टम हो लागू

सर्वोत्तम वर्ल्ड डेवलपर्स के डायरेक्टर विकास जैन के मुताबिक, देश की अर्थव्यवस्था में रियल एस्टेट का महत्वपूर्ण योगदान है. रियल एस्टेट सेक्टर के सामने आने वाली चुनौतियों को दूर करने की दिशा में ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है. विकास जैन के अनुसार, रियल एस्टेट क्षेत्र को उद्योग का दर्जा देने की मांग लंबे समय से की जा रही है और यह आगामी बजट से एक बड़ी उम्मीद है. साथ ही, अगर सिंगल विंडो क्लियरेंस की दिशा में काम हुआ तो इस सेक्टर को काफी मदद मिलेगी. वर्तमान समय में किसी प्रोजेक्ट पर क्लियरेंस लेने में काफी समय लगता है. इससे न सिर्फ घर खरीदार को नुकसान होता है बल्कि प्रोजेक्ट में भी देरी होती है. अगर सिंगल विंडो हो जाए तो सबको इससे राहत मिलेगी.  जैन सरकार से होम बॉयर्स और डेवलपर्स के लिए मांग को प्रोत्साहित करने, लिक्विडिटी संबंधी चिंताओं को दूर करने और नियमों को सरल बनाने के लिए एक्सपर्ट्स की राय लेकर कंक्रीट प्लान बनाने की भी उम्मीद कर रहे हैं. 

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अफोर्डेबल हाउसिंग स्कीम और टैक्स में राहत की उम्मीद

रियल एस्टेट सेक्टर अंतरिम बजट में सस्ते और छोटे घर बनाने के लिए प्रोत्साहित करने की मांग कर रहा है. साथ ही सिंगल विंडो सिस्टम को भी लागू करने की उम्मीद जता रहा है. इस सेक्टर का मानना है कि मकान की कीमत कम होने और टैक्स में अधिक राहत मिलने से आवासीय घरों की बिक्री में भी बढ़ोतरी होगी. सर्वोत्तम वर्ल्ड के डायरेक्टर ऋषभ जैन का कहना है कि अभी देश में 41 फीसदी आबादी के पास अपना घर नहीं है. लोग शहरों में अपने सपनों का आशियाना चाहते हैं. बहुत से लोग ऐसे हैं जो सस्ते और छोटे मकान लेना चाहते हैं. इसलिए सरकार इन सब बातों को इस बजट में जोड़ने के बारे में विचार करें.  इससे ना केवल लोगों के सपने साकार होंगे. बल्कि अधिक मकान के निर्माण से सीमेंट, स्टील, जैसे सेक्टर को भी बुस्ट मिलेगा और बड़े पैमाने पर रोजगार का सृजन होगा. 

होम लोन ब्याज पर छूट

रियल एस्टेट सेक्टर की मांग है कि वित्त मंत्री घर खरीदने वालों को आयकर में छूट दें. इससे बाजार में लिक्विडिटी बढ़ेगी. इसके साथ ही लोग घर खरीदने पर जोर देंगे. इससे एरियल स्टेट सेक्टर में रोजगार पैदा होंगे. वर्तमान समय में होम लोन की ब्याज पर 2 लाख की छूट मिलती है जिसे बढाकर सरकार 5 लाख तक कर दिया जाए.  

Source : News Nation Bureau

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