कांग्रेस नेता शशि थरूर ने संसद में पेश किये गये बजट पर सरकार पर तंज कसा है. जबकि केंद्र सरकार ने इस बजट को अगले 25 साल का ब्लूप्रिंट बताया है. सरकार ने अगले 25 साल को 'अमृत काल' करार दिया है. बजट को लेकर कहा गया है कि यह अगले 25 सालों में आर्थिक सुधार के लिए एक आधार के रूप में काम करेगा. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा 'अमृत काल' का जिक्र किये जाने के बाद अब कांग्रेस नेता शशि थरूर ने शायर मिर्जा गालिब के शेर के माध्यम से बजट पर सवाल खड़े किए हैं.
शशि थरूर ने उर्दू के अजीम शायरों में से एक मिर्जा गालिब की लिखी लाइनें अपने ट्विटर अकाउंट पर शेयर कर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. शशि थरूर ने ट्विटर पर लिखा, आह को चाहिए इक उम्र असर होने तक, कौन जीता है तेरी ज़ुल्फ़ के सर होने तक?!' इसके अलावा कांग्रेस नेता ने '#AmritKaal #2047' का भी इस्तेमाल अपने ट्वीट में किया है.
इससे पहले इस बजट को लेकर शशि थरूर ने कहा था कि यह तो गीले पटाखे जैसा था. इसमें कुछ भी नहीं था. मनरेगा, डिफेंस जैसी चीजों के बारे में कुछ नहीं बताया गया. आम लोगों के लिए कोई टैक्स रिलीफ नहीं दी गई. आखिर इसमें जनता के लिए क्या है.
बता दें कि केंद्रीय वन एवं पर्यावरण राज्य मंत्री अश्विनी चौबे ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा मंगलवार को संसद में पेश किए गए वर्ष 2022-23 के आम बजट को ''अमृत बजट'' करार दिया और कहा कि यह आम आदमी की आकांक्षाओं के अनुरुप है. चौबे ने एक बयान में कहा, ''आजादी के अमृत महोत्सव के बीच का यह अमृत बजट है और यह आम आदमी की आकांक्षाओं के अनुरूप है.''
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उन्होंने कहा कि ''आत्मनिर्भर भारत'' बनाने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संकल्प को पूरा करने वाला यह बजट सबका साथ, सबका विश्वास के मूल मंत्र पर आधारित है क्योंकि बजट में महिलाओं, युवा, किसानों, लघु उद्यमियों, व्यापारियों सभी का ख्याल रखा गया है.'' उन्होंने कहा, ''कोरोना की विपरीत परिस्थितियों के बावजूद अन्य देशों की तुलना में भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत रही. इस बजट से अर्थव्यवस्था और मजबूत होगी तथा विकास को और गति मिलेगी.''