Budget 2020: बजट में घोषित करदाता चार्टर (Taxpayers Charter) का सांविधिक दर्जा होगा और यह देश के आम लोगों को ‘सशक्त’ बनाएगा. यह लोगों को आयकर विभाग से समयबद्ध तरीके से सेवाएं प्राप्त करने में मदद करेगा. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) के चेयरमैन प्रमोद चंद्र मोदी ने मंगलवार को यह बात कही. सीबीडीटी आयकर विभाग के लिए नीतियां बनाने वाला शीर्ष निकाय है. मोदी ने कहा कि इस चार्टर को बहुत जल्द अधिसूचित किया जाएगा. इसके एक बार लागू हो जाने के बाद भारत इस तरह की कर व्यवस्था अपनाने वाला दुनिया का ‘तीसरा या चौथा’ देश होगा.
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लोगों के अंदर कानून के पालन को बढ़ावा देने की कोशिश: प्रमोद चंद्र मोदी
मोदी ने कहा कि हम करदाताओं पर भरोसा करने की अवधारणा पर ही अब तक काम कर रहे हैं और ऐसे में शुद्धतया एक कानून अनुपालन एजेंसी के तौर पर हमारा पूरा ध्यान सेवा उन्मुख विभाग बनने की ओर है. उन्होंने कहा कि हम लोगों के अंदर स्व-भाव से कानून अनुपालन को बढ़ावा देने की कोशिश कर रहे हैं. इस प्रक्रिया में हम भी कुछ अनुशासन का पालन कर रहे हैं. इसके तहत हम आप लोगों को ये कुछ सेवाएं एक तय समयसीमा में उपलब्ध कराने की इच्छा रखते हैं. यह करदाता का अधिकार होना चाहिए कि वह इन सेवाओं की उम्मीद कर सके. इससे पहले मोदी ने कहा था कि यह चार्टर मौजूदा चार्टर के तहत प्रशासनिक प्रणाली का हिस्सा होगा. अब हम इसे सांविधिक मान्यता दे रहे हैं. एक बार यह कानून बन जाएगा तो इसे लागू करना पड़ेगा.
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वित्त मंत्री निर्मलासीतारमण ने बजट में की थी करदाता चार्टर की घोषणा
उन्होंने कहा कि पहले उम्मीद थी कि इसे लागू करना पड़ेगा लेकिन अब यह बाध्यता होगी. इस तरह यह करदाता को सशक्त करेगा. मोदी ने कहा कि ऐसा करने वाले हम तीसरे या चौथे देश होंगे. मेरे हिसाब से अभी अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा में यह हुआ है. तो यह एक बहुत बड़ी सच में बहुत बड़ी जिम्मेदारी हम लेने जा रहे हैं. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने शनिवार को आम बजट 2020-21 पेश करने के वक्त करदाता चार्टर लाए जाने की घोषणा की थी. ‘विवाद से विश्वास योजना’ के बारे में मोदी ने कहा कि सबसे नवीन कदम कानूनी वादों को कम करना है और देखिए प्रत्यक्ष कर श्रेणी के तहत 4.83 लाख मामलों का निपटारा अपीलीय प्राधिकरणों में फंसा है.
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इन मामलों में ‘कुछ लाख करोड़’ रुपये फंसे हैं. ‘विवाद से विश्वास योजना’ के तहत करदाता को 31 मार्च, 2020 तक अपना सिर्फ बकाया कर जमा कराना होगा जबकि उसका जुर्माना और ब्याज माफ होगा. हालांकि यह योजना 30 जून? 2020 तक खुली रहेगी लेकिन जो लोग 31 मार्च के बाद कर का भुगतान करेंगे उन्हें कुछ अतिरिक्त राशि का भुगतान करना होगा. इसी तरह अप्रत्यक्ष कर श्रेणी के लिए पिछले बजट में सरकार ‘सबका विश्वास’ योजना लायी थी.