संसद में बजट सत्र की शुरुआत के साथ सोमवार को दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने संबोधित किया. राष्ट्रपति के अभिभाषण में सरकार के काम और उपलब्धियों की चर्चा के दौरान आजादी के अमृत महोत्सव के साथ ही खेती-किसान, महिला, सुरक्षा, शिक्षा, स्वास्थ्य, नीतिगत निर्णय, डिजिटल कदम वगैरह पर फोकस रहा. राष्ट्रपति कोविंद ने अपने भाषण में इन सबसे अधिक जिक्र कोरोनावायरस और कोविड-19 महामारी के खिलाफ जंग में भारत की बढ़ती ताकत का किया.
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपने अभिभाषण में कहा कि कोरोनावायरस से उत्पन्न वैश्विक महामारी का ये तीसरा वर्ष है. इस दौरान हमने भारत के लोगों की लोकतांत्रिक मूल्यों में आस्था, अनुशासन और कर्तव्यपरायणता को और मजबूत होते देखा है. उन्होंने कहा कि कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में भारत के सामर्थ्य का प्रमाण वैक्सीनेशन प्रोग्राम में नजर आया है. हमने एक साल से भी कम समय में 150 करोड़ से भी ज्यादा वैक्सीन डोज लगाने का रिकॉर्ड पार किया. आज हम पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा वैक्सीन डोज देने वाले अग्रणी देशों में से एक हैं.
गरीबों को स्वस्थ रखने में सरकार आगे
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इस मौके पर खासकर सरकार की परियोजना प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत हेल्थ इनफ्रास्ट्रक्चर मिशन की खुलकर सराहना की. उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से 64 हजार करोड़ रुपए की लागत से शुरू किया गया प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत हेल्थ इनफ्रास्ट्रक्चर मिशन एक सराहनीय उदाहरण है. इससे न केवल वर्तमान की स्वास्थ्य संबंधी जरूरतों को पूरा करने में मदद मिलेगी, बल्कि आने वाले संकटों के लिए भी देश को तैयार किया जा सकेगा. राष्ट्रपति ने कहा कि मेरी सरकार की संवेदनशील नीतियों के कारण देश में अब स्वास्थ्य सेवाएं जन साधारण तक आसानी से पहुंच रही हैं. 80 हजार से अधिक हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर्स और करोड़ों की संख्या में जारी आयुष्मान भारत कार्ड से गरीबों को इलाज में मदद मिली है.
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HIGHLIGHTS
- कोरोनावायरस से उत्पन्न वैश्विक महामारी का ये तीसरा वर्ष है
- एक साल से भी कम समय में 150 करोड़ से भी ज्यादा वैक्सीन डोज
- लोकतांत्रिक मूल्यों में आस्था, अनुशासन और कर्तव्यपरायणता और मजबूत