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Budget 2024: ग्रामीण विकास पर हो सकता है फोकस, बजट में वित्तीय घाटा कम करने पर जोर

इस बजट के बारे में आर्थिक मामलों के जानकार का कहना है कि सराकर बड़े वादे नहीं करेगी बल्कि रूरल डेवलपमेंट पर ज्यादा ध्यान देगी.

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Vikash Gupta
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Budget 2024

Budget 2024( Photo Credit : NEWS NATION)

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Budget 2024: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पांचवीं बार बजट पेश करने जा रही है. इसको लेकर 24 जनवरी बुधवार को हलवा सेरेमनी का आयोजन किया गया था. ये बजट 1 फरवरी को संसद पटल पर रखा जाएगा. मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का अंतरिम बजट है. आपको बता दें कि इस साल के मध्य में पूरे देश में लोकसभा चुनाव होने वाले हैं. ये बजट जनता के लिए काफी उम्मीदों वाला है. माना जा रहा है कि सरकार कुछ बड़े वादे कर सकती है. जनता को उम्मीद कि सरकार टैक्स में राहत और महंगाई को कम करने के कदम उठाएगी. 

विकास को और मिलेगी रफ्तार

इस बजट के बारे में आर्थिक मामलों के जानकार का कहना है कि सराकर बड़े वादे नहीं करेगी बल्कि रूरल डेवलपमेंट पर ज्यादा ध्यान देगी. इसके साथ ही वित्तीय घाटे को कम करना वो भी बजट खर्चों बिना किसी कटौती के. ये अंतिम बजट ऐसे समय में पेश किया जाएगा जब देश का विकास दर 7.3 प्रतिशत है और इसे और बढ़ाने की कोशिश होगी. आर्थिक जानकारो का कहना है कि सरकार ऐसा बजट बनाएगी जिससे देश में विकास के काम को और रफ्तार मिले. 

आपको बता दें कि चालू वित्त वर्ष में केंद्र सरकार का शुद्ध कर राजस्व बजट अनुमान से ₹80,000 करोड़ अधिक होने की संभावना है. जबकि गैर कर राजस्व भी बजट अनुमान से ₹50,000 करोड़ अधिक होने की उम्मीद है. अर्थशास्त्रियों का कहना है कि इसी तरह से व्यय भी बजट अनुमान से लगभग ₹60,000 करोड़ अधिक हो सकता है.

वित्तीय घाटा 6 फिसदी से कम

भारतीय स्टेट बैंक की चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर का कहना है कि वित्त वर्ष 24 में ग्रोस टैक्स रेवेन्यू 11.6 फिसदी से बढ़ेगा जो 16 साल में सबसे अधिक होगा. वहीं वित्त वर्ष 25 में कुल टैक्स आय पिछले दो दशक में सबसे अधिक होगा. माना जा रहा है कि वित्त वर्ष 24 में वित्तीय घाटे में गिरावट दर्ज की जा सकती है. ये इस साल के लिए 5.9 प्रतिशत रह सकती है. वहीं अगले साल ये 5.5 फिसदी हो सकती है. इसके अलावा जून जुलाई में जब नई सरकार के गठन के बाद जब पूर्ण बजट पेश किया जाएगा तब ये 5.3 से लेकर 5.4 फिसदी तक हो सकता है. आर्थिक जानकारों का कहना है कि वित्त वर्ष 2025 में केंद्र मार्केट से लगभग ₹11.7 लाख करोड़ उधार लेगी. ₹3.6 लाख करोड़ के पुनर्भुगतान के साथ सकल उधारी ₹15.3 लाख करोड़ होने की उम्मीद है.    

Source : News Nation Bureau

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