Economic Survey 2019: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 5 जुलाई को पूर्ण बजट (Budget) पेश करेंगी. बजट से 1 दिन पहले सरकार ने आर्थिक सर्वेक्षण पेश कर दिया है. सरकार ने 2019-20 के लिए जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 7 फीसदी रखा है. आर्थिक सर्वेक्षण पर जानकारों का क्या नजरिया है आइये जान लेते हैं.
यह भी पढ़ें: Economic Survey 2019: 2019-20 में GDP ग्रोथ 7 फीसदी रहने का अनुमान
आर्थिक सर्वेक्षण पर जानकारों की राय
वरिष्ठ अर्थशास्त्री बृंदा जागीरदार के मुताबिक बजट में विकासशील अर्थव्यवस्था में महंगाई में बढ़ोतरी होना चिंता की बात नहीं है. उनका कहना है कि RBI ने भी महंगाई दर 4 फीसदी के करीब रहने का अनुमान जताया है. उन्होंने कहा कि 4 फीसदी की महंगाई दर से देश की अर्थव्यवस्था को ज्यादा प्रभावित नहीं होने की संभावना है. उनका कहना है कि आर्थिक सर्वे वास्तविकता पर आधारित सर्वेक्षण है.
सर्वे में सरकार ने माना है कि कुछ क्षेत्रों में पिछड़ापन है. उनका कहना है कि सरकार को बाजार में खपत बढ़ाने के साथ निवेश बढ़ाने के लिए प्रयास करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि खपत बढ़ाने के लिए सरकारी क्षेत्र के साथ निजी क्षेत्र को भी निवेश बढ़ाने की जरूरत है.
यह भी पढ़ें: शुक्रवार को पेश होगा मोदी 2.0 सरकार का पहला बजट, जानें किन दिग्गजों ने तैयार किया बजट
NAREDCO के प्रेसिडेंट डॉ निरंजन हीरानंदानी का कहना है कि सरकार और इंडिया इंक के साझा प्रयास की वजह से ही वित्त वर्ष 2019-20 के लिए जीडीपी अनुमान बढ़ाकर 7 फीसदी किया गया है, जबकि पिछले साल जीडीपी अनुमान 6.8 फीसदी था. उनका कहना है कि पिछले 5 साल में जीडीपी का औसत ग्रोथ अनुमान 7.5 फीसदी की ऊंचाई पर रही है. बढ़ रहे निजी निवेश और खपत बढ़ने की वजह से जीडीपी में बढ़ोतरी देखने को मिली है.
उन्होंने कहा कि MSME सेक्टर को नवाचार, विकास और रोजगार सृजन के स्रोत के रूप में देखा जाना चाहिए. MSME सेक्टर को उन बाधाओं से दूर रखा जाना चाहिए जिसकी वजह से इसकी ग्रोथ घट रही है.
यह भी पढ़ें: Union Budget 2019: ईमानदारी से टैक्स भरें और सड़क अपने नाम करें, सरकार करदाताओं को करेगी प्रोत्साहित
फिनवे (Finway) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रचित चावला ने आर्थिक सर्वे के ऊपर अपनी राय देते हुए कहा कि भारत एक तेजी से उभरती हुई अर्थव्यवस्था है, जिसका चालू खाता घाटा जीडीपी का महज 2.1 फीसदी है. महंगाई दर 4 फीसदी से नीचे है और फिक्स्ड इनवेस्टमेंट में ग्रोथ 10 फीसदी के आस-पास है. ऐसे में मार्केट में निवेश के लिए यह सबसे अच्छा समय है. खासकर कंस्ट्रक्शन और इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में निवेश करने की ज्यादा जरूरत है.
यह भी पढ़ें: Budget 2019: Netflix, Amazon Prime जैसी कंपनियों को बजट में लग सकता है झटका
निवेश और खपत में बढ़ोतरी से GDP बढ़ेगी
निवेश और खपत में बढ़ोतरी से सकेलू घरेलू उत्पाद (GDP) बढ़ेगी. कृषि क्षेत्र में धीमेपन से अर्थव्यवस्था पर दबाव है. विदेशी निवेशकों का भारत पर भरोसा बढ़ा है. विदेशी मुद्रा का पर्याप्त भंडार बना रहेगा. NPA की समस्या सरकारी बैंकों में सबसे ज्यादा है. NPA बढ़ने से बैंकों की बैलेंसशीट पर दबाव है.
निवेश की प्रक्रिया में सुधार है. 2018 की दूसरी छमाही में क्रेडिट ग्रोथ की रफ्तार बढ़ी है. NBFCs की लैंडिंग में कमी से भी ग्रोथ पर असर है. चुनाव की वजह से जनवरी-मार्च में ग्रोथ में धीमापन देखने को मिला. ऑटो और कैमिकल में FDI का निवेश बढ़ा है. 14 जून तक विदेशी मुद्रा भंडार 42,220 करोड़ डॉलर हो गया है.