वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ऐतिहासिक जनादेश के साथ सत्ता में आई मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश करने वाली हैं और वह लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा चुनाव प्रचार अभियान में किए गए वादों में से कई को पूरा कर सकती हैं. मत्स्य पालन के लिए अलग से मंत्रालय गठित करने (मोदा का एक वादा) की घोषणा के साथ बजट में 'नीली क्रांति' शुरू करने के लिए योजनाएं होंगी. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा छोटे मछुआरों के लिए भंडारण और मार्केटिंग जैसी आधारभूत संरचनाओं के लिए 10,000 करोड़ रुपये स्वीकृत करने के वादे के पूरा होने की उम्मीद है.
सूत्रों ने कहा कि कृषि निर्यात को प्रोत्साहन राशि, राष्ट्रीय वनस्पति तेल मिशन को लॉन्च करना, फसल बीमा योजना में सुधार, इजरायली ड्रिप सिंचाई तकनीक को व्यापक रूप से बढ़ावा देना, मनरेगा के अधिकांश भाग को जल संबंधित योजनाओं में लगाने का निर्देश देने जैसे कुछ अन्य प्रस्ताव हैं जो सरकार ने बजट के लिए सूचीबद्ध किए हैं.
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बजट में किसानों का खास खयाल रखा जाएगा क्योंकि सरकार उनके उत्पादों की अच्छी कीमतें सुनिश्चित करने पर फोकस करती है. मोदी सरकार का मुख्य ध्यान जल पर होगा. बजट में ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना मनरेगा को आवंटित राशि का 75 प्रतिशत भाग जल संबंधित योजनाओं पर खर्च करने का प्रस्ताव शामिल होने की संभावना है. 14,000 करोड़ रुपये के आवंटन के साथ प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में भी सुधार किया जा सकता है.