डॉ. रमेश पोखरियाल 'निशंक' केंद्र सरकार में मानव संसाधन विकास मंत्री हैं. लेकिन 1982-83 में जब वह देहरादून के सरस्वती शिशु मंदिर उत्तरकाशी में एक अध्यापक के तौर पर कार्यरत थे तब शायद कोई नहीं जानता होगा कि आगे जाकर वो इस मुकाम पर पहुंचेंगे. बतौर शिक्षक अपने करियर की शुरुआत करने वाले पोखरियाल साहित्य और पत्रकारिता के क्षेत्र में भी काम कर चुके हैं. इसके बाद उन्होंने राजनीति में कदम रखा. रमेश पोखरियाल 'निशंक' 2009 से 2011 तक उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रह चुके हैं.
यह भी पढ़ें: Modi Budget 2.0: मध्य वर्ग के लिए कुछ खास नहीं, अमीरों पर कर का बोझ बढ़ा, गरीबों के लिए खोला पिटारा
15 जुलाई 1959 को उत्तराखंड के पिनानी में जन्म लेने वाले रमेश पोखरियाल का अब तक राजनीतिक सफर कैसा रहा, आइए जानते हैं -
- 1991 से साल 2012 तक पांच बार यूपी और उत्तराखंड विधानसभा सदस्य
- 1991 में पहली बार उत्तर प्रदेश में कर्णप्रयाग विधानसभा क्षेत्र से विधायक बने, कर्णप्रयाग से लगातार तीन बार विधायक
- 1997 में उत्तर प्रदेश सरकार में कल्याण सिंह मंत्रिमंडल में पर्वतीय विकास विभाग के मंत्री रहे
- 1999 में रामप्रकाश गुप्त की सरकार में संस्कृति पूर्त एवं धर्मस्व मंत्री
यह भी पढ़ें: Union Budget 2019: सोना तो और सोणा हो गया, नए ऐतिहासिक स्तर पर पहुंचा भाव
- 2000 में उत्तराखंड राज्य निर्माण के बाद प्रदेश के पहले वित्त, राजस्व, कर, पेयजल सहित 12 विभाग के मंत्री
- 2007 में उत्तराखंड सरकार में चिकित्सा स्वास्थ्य, भाषा एवं विज्ञान प्रौद्योगिकी विभाग मंत्री
- 2009 में उत्तराखंड के सबसे युवा मुख्यमंत्री
- 2012 में डोईवाला (देहरादून) क्षेत्र से विधायक चुने गए
- 2014 में डोईवाला से इस्तीफा देकर हरिद्वार लोकसभा क्षेत्र से सांसद चुने गए
- 2019 में हरिद्वार लोकसभा क्षेत्र से दोबारा सांसद चुने गए