वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मोदी सरकार 2.0 का पहला बजट पेश कर रही हैं. गुरुवार को पेश किए गए आर्थिक सर्वेक्षण के लिहाज से यह बजट मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के सुधारों और नीतियों का खाका ही है. आर्थिक सर्वेक्षण से मिले संकेतों के आधार पर देखा जाए तो बजट 2019 में सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की है. इसे ध्यान में रखते हुए कई अहम घोषणाओं का सहारा लिया गया है. विशेषज्ञों के मुताबिक बजट में 2040 की जनसंख्या को ध्यान में रखते हुए अधोसंरचना और अन्य योजनाओं पर फोकस है. मिडिल क्लास और किसानों के लिए खास उम्मीदें हैं. इसके लिए कर ढांचा में फेरबदल भी संभव है.
वित्तमंत्री ने यह बजट ऐसे वक्त पेश किया है जब देश की अर्थव्यवस्था में कमजोरी आई है. खराब मानसून की आशंका, वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुस्ती और व्यापारिक युद्ध की चुनौतियां पहले से ही सामने हैं. बढ़ते व्यापारिक तनाव की वजह से वैश्विक अर्थव्यवस्था की स्थिति डांवाडोल है. 2019 के पहले तीन महीनों में जीडीपी कम होकर 5.8 फीसदी हो चुकी है, जो पांच सालों का न्यूनतम स्तर है. भारत की आर्थिक वृद्धि दर चीन से भी नीचे जा चुकी है, जो 6.4 फीसदी है.
Source : News Nation Bureau