वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने शनिवार को संसद में मोदी सरकार का दूसरा बजट पेश किया. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने दूसरे आम बजट में भले ही तमिल कवि तिरुवल्लुवर की कविता का जिक्र कर पीएम नरेंद्र मोदी की तारीफों के पुल बांधे हों, लेकिन विपक्ष को उनका यह अंदाज समेत पेश किया बजट कतई रास नहीं आया है. इसी क्रम में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बजट को दिशाहीन बताते हुए कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस दशक का पहला दिवालिया बजट पेश किया है.
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उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शनिवार को लोकसभा में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा बजट पेश किए जाने के बाद संसद भवन परिसर में बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि हमें उम्मीद नहीं है कि इस बजट से किसानों के जीवन में कोई बदलाव आएगा, गरीब के परिवार में कोई खुशहाली आएगी. उन्होंने कहा कि बजट में नौजवानों के लिये रोजगार के नये अवसर सृजित करने के कोई प्रावधान नहीं किए गए हैं.
उत्तर प्रदेश को बजट में नजरंदाज किए जाने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि राज्य में निवेश के लिये आयोजित सम्मेलन में राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री आये लेकिन इसके बावजूद कोई निवेश नहीं आया. अखिलेश ने वित्त मंत्री के लंबे बजट भाषण पर तंज कसते हुये कहा कि यह लोगों को भ्रमित करने का एक तरीका था. उन्होंने कहा कि यह बजट इतना बड़ा इसीलिये था कि लोग समझ न पाएं. लोग उलझे रहें.
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इससे पहले कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के भाषण को बहुत लंबा बताया. उन्होंने कहा कि इसमें नया कुछ भी नहीं था. उन्होंने आरोप लगाया कि बजट में कुछ भी ठोस नहीं था. सबसे बड़ा मसला बेरोजगारी है. मुझे नहीं लगता है कि सरकार के पास कोई ठोस ऱणनीति है जिससे युवाओं को रोजगार मिल सके. सिर्फ दांव-पेंच ही अधिक है, लेकिन ठोस कुछ नहीं है. वास्तव में यह बजट सरकार के चाल-चरित्र ही को पेश करता है. सिर्फ बातें-बातें और जमीन पर कुछ नहीं.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बजट पर कटाक्ष करते हुए कहा कि दिल्ली की बजट से काफी उम्मीदें थीं, लेकिन इसके साथ एक बार फिर सौतेला व्यवहार किया गया है. भाजपा की प्राथमिकताओं में दिल्ली शामिल नहीं, लोग उसे वोट क्यों दें. वहीं, तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने कहा कि सरकार ने ऐसे देश में बचत के लिए प्रोत्साहन को हटाया जहां सामाजिक सुरक्षा नहीं है. कर में मिलने वाली 100 में से 70 छूटों को वापस लिया है.