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Budget 2020: सरकार अब बैंकों के डूबने पर भी देगी 5 लाख, जानिए क्या है पूरा मामला

वित्तमंत्री ने अब बैंकों के डूब जाने पर बैंक ग्राहक को मिनिमम मिलने वाली राशि अब बढ़ाकर 5 लाख रुपये तक कर दी है.

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Ravindra Singh
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new guidelines for banking and insurance sector

बैंको में आए उपभोक्ता( Photo Credit : फाइल)

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मुंबई का पीएमसी बैंक घोटाला सामने आने के बाद से बैंक ग्राहकों को अब अपनी जमा रकम को भी लेकर चिंता बनी रहती है. इस घोटाले के बाद से बैंक ग्राहकों में जमा राशियों के भविष्य को लेकर लगातार बहस छिड़ी हुई है. वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बैंकों के इस तरह से डूब जाने की वजह से बैंक उपभोक्ताओं को बजट 2020-201 में बड़ी राहत दी है. वित्तमंत्री ने अब बैंकों के डूब जाने पर बैंक ग्राहक को मिनिमम मिलने वाली राशि अब बढ़ाकर 5 लाख रुपये तक कर दी है. आपको बता दें कि पहले यह राशि महज एक लाख रुपये के भीतर ही होती थी. दरअसल वित्तमंत्री निर्मलासीतारमण ने बैंकों में जमा धनराशि पर इंश्योरेंस की गारंटी सीमा पहले की तुलना में अब बढ़ा दी है. आपको बता दें कि इससे बैंक ग्राहकों को पहले की तलना में अब थोड़ी ज्यादा राहत मिलेगी.

ये है पूरा मामला
बजट 2020-2021 की घोषणा से पहले अगर कोई बैंक डूब जाता था तो उस बैंक के ग्राहकों को बैंक डूबने के बाद अधिकतम राशि एक लाख रुपये तक ही मिल पाती थी चाहे ग्राहक ने बैंक में एक करोड़ रुपये ही क्यों न जमा किए हों. बजट 2020-2021 के नए ऐलान के मुताबिक अब यह राशि बढ़ाकर 5 लाख रुपये तक कर दी गई है. अब ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि वित्तमंत्री ने आम बजट के ऐलान में अब बैंकों में जमा रकम पर अब 5 लाख रुपये की इंश्‍योरेंस गारंटी कर दी है. इसके साथ ही इस बजट में ये भी कहा गया है कि जमाकर्ताओं के पैसे सुरक्षित हो, इसके लिए एक बेहतरीन तंत्र बनाया जा रहा है. बैंकों का विलय इसी दिशा में कदम है.

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काफी पहले से इस बात की हो रही थी मांग
बैंकों में जमा राशियों की बीमा राशि बढ़ाने की मांग काफी पहले से ही की जा रही थी क्योंकि मौजूदा समय में एक लाख रुपये से ज्यादा की राशि नहीं जा सकती है. बैंक सबसे ज्यादा सुरक्षित निवेश होने की वजह से ज्यादातर लोग अपनी मेहनत की गाढ़ी कमाई बैंकों में ही रखना ज्यादा सुरक्षित समझते हैं. लेकिन मुंबई के PMC बैंक घोटाले के बाद एक बार फिर लोगों ने बैंकों में जमा राशियों की बीमा राशि बढ़ाने की मांग ने जोर पकड़ा था. ऐसी मांगें इसलिए उठ रही थीं ताकि लोगों को अपनी गाढ़ी कमाई का कुछ हिस्सा तो बैंक से वापस मिल सके आपको बता दें कि पीएमसी बैंक के खाताधारकों ने करोड़ों रुपये इस बैंक के अकाउंट में रखे थे लेकिन बैंक में जमा राशियों को लेकर बैंक ने महज एक लाख की ही बीमा पालिसी रखी थी जिसकी वजह से इस बैंक के डूबने के बाद कई ग्राहकों ने आत्महत्या तक कर ली थी.

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