वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने संसद में मोदी सरकार का दूसरा बजट पेश किया. सीतारमण ने अपने दूसरे आम बजट में भले ही तमिल कवि तिरुवल्लुवर की कविता का जिक्र कर पीएम मोदी की तारीफों के पुल बांधे हों, लेकिन विपक्ष को उनका यह अंदाज समेत पेश किया बजट कतई रास नहीं आया है. इसी क्रम में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम (P Chidambaram) ने शनिवार को पेश आम बजट को लेकर दावा किया कि इससे साबित होता है कि केन्द्र की नरेंद्र मोदी सरकार अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की उम्मीद छोड़ चुकी है. उन्होंने यह भी कहा कि इस बजट में रोजगार सृजन को लेकर कुछ नहीं कहा गया है.
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पी चिदंबरम ने संवाददाताओं से कहा कि मैंने हाल के वर्षों का सबसे लंबा बजट भाषण देखा. यह 160 मिनट तक चला. मुझे समझ नहीं आया कि बजट 2020-21 से क्या संदेश देने का इरादा था. उन्होंने कहा कि मुझे इस बजट में कोई यादगार विचार या बयान नहीं दिखा. पूर्व वित्त मंत्री ने दावा किया कि सरकार अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने, निजी निवेश को प्रोत्साहित करने और रोजगार के अवसर पैदा करने की उम्मीद छोड़ चुकी है.
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उन्होंने कहा कि सरकार यह नहीं मान रही है कि अर्थव्यवस्था संकट में है. सरकार सुधार में यकीन नहीं करती. चिदंबरम ने सवाल किया कि क्या वित्त मंत्री ने आर्थिक समीक्षा नहीं पढ़ी? मुझे लगता है कि नहीं पढ़ी. जनता ऐसा बजट नहीं चाहती थी और इस बजट के लिए भाजपा को वोट नहीं दिया था. वित्त मंत्री सीतारमण ने शनिवार को संसद में वित्त वर्ष 2020-21 के लिए आम बजट पेश किया.