वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) द्वारा पेश 2020- 21 के बजट पर उद्योग जगत की तरफ से मिली जुली प्रतिक्रिया रही है. उद्योगों के एक वर्ग का मानना था कि बजट में आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिए ‘साहसिक सुधारों’ की कमी दिखाई दी है, जबकि कुछ अन्य ने माना कि वित्त मंत्री के समक्ष ठोस सुधारों को लेकर गुंजाइश बहुत कम थी. सीतारमण ने नई सदी का पहला बजट पेश करते हुए बजट को आकांक्षी भारत, सभी के लिए आर्थिक विकास और वंचितों और गरीबों की चिंता करने वाला समाज के ईदगिर्द तैयार किया गया बजट बताया.
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बायकोन की चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक किरण मजूमदार शॉ ने ट्वीट करके कहा कि हालांकि, बजट को लेकर मेरी त्वरित प्रतिक्रिया सकारात्मक रही है, लेकिन अब जबकि मैंने इस पर गौर किया है तो मुझे मजबूत आर्थिक सुधार की उम्मीद कम लगती है. लाभांश वितरण कर हटने से व्यक्तिगत करदाताओं को नुकसान होगा और इससे उपभोक्ता खर्च प्रभावित होगा. बजट में कोई निर्यात प्रोत्साहन क्यों नहीं दिया गया?.
डा. रेड्डीज लैबोरेटरीज के चेयरमैन सतीश रेड्डी ने कहा कि इस बजट से उद्याग जगत को काफी उम्मीदें थीं. अर्थव्यवस्था की स्थिति देखते हुए यह बड़े सुधारों की पहल करने का मौका था जिसमें वित्त मंत्री चूक गई. इस लिहाज से कुछ मामलों में बजट से निराशा हुई. डाबर इंडिया के सीईओ मोहित मल्होत्रा ने वर्ष 2022 तक किसानों की आय दुगुनी करने की दिशा में उठाए गए कदमों की सराहना की.
उन्होंने कहा, बजट प्रस्तावों से ग्रामीण उपभोक्ताओं की खरीद क्षमता बढ़ेगी. भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के अध्यक्ष विक्रम किर्लोस्कर ने वित्त मंत्री का यह कहते हुए बचाव किया कि सीतारमण को बहुत कठिन परिस्थितियों में यह बजट तैयार करना पड़ा है. उन्होंने कठिन वित्तीय स्थिति के बीच निवेश और खपत को बढ़ाने के लिए ऊंची सरकारी व्यय जरूरतों को पूरा करने में संतुलन साधा है.
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भारती एंटरप्राइजिज के संस्थापक और चेयरमैन सुनील भारती मित्तल ने कहा कि उन्हें इस बजट से सबसे बड़ा सबक यही मिला है कि ‘संपत्ति का सृजन करने वालों को सम्मान दिया जाएगा.’ उन्होंने कहा कि सरकार की तरफ से यह कारोबारियों का विश्वास बढ़ाने और उद्यमशीलता की बेहतरी की दिशा में बड़ी पहल है. इससे संकेत मिलता है कि सरकार नया भारत बनाने को लेकर गंभीर है जिसमें कि भारत का उद्याग जगत और नई प्रौद्योगिकी के उद्यम साझीदार होंगे.
उद्याग मंडल फिक्की की अध्यक्ष संगीता रेड्डी ने कहा कि परिस्थितियों को देखते हुए यह बजट व्यापक वक्तव्य के साथ आया है. सरकार ने सराहनीय कार्य किया है और बजट में घोषित उपायों से भारत को उद्योग जगत और लोगों को मजबूती मिलेगी. पीएचडी मंडल के अध्यक्ष डॉ. डीके अग्रवाल ने प्रभावशाली बजट पेश करने और जीवन के मानकों के सुधार के लिए समाज के सभी वर्गों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए वित्त मंत्री को बधाई दी.
उन्होंने कहा कि संपूर्ण तौर पर बजट में सभी वर्गों का ख्याल रखने का सफल प्रयास किया गया है. 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के लिए 16 सूत्रीय कार्य योजना के साथ कृषि क्षेत्र पर बजट का ध्यान अत्यधिक उत्साहजनक है. धन लक्ष्मी योजना कृषि क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ाएगी। डॉ.अग्रवाल ने कहा कि कृषि उद्योग योजना खाद्य क्षेत्र में अपव्यय को कम करने में मदद करेगी, जिससे किसानों को अपनी कृषि आय बढ़ाने में सुविधा होगी.