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Budget 2021-22: भारतीय उर्वरक संघ ने मोदी सरकार से की ये बड़ी मांग

Union Budget 2021-22: सतीश चंदर ने कहा कि फॉस्फोरिक एसिड और अमोनिया जैसे आयातित कच्चे माल पर 5 प्रतिशत और रॉक फास्फेट और सल्फर पर 2.5 प्रतिशत की सीमा शुल्क के कारण घरेलू पीएंडके उर्वरक विनिर्माण आयात की तुलना में गैर-प्रतिस्पर्धी हो जाता है.

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Dhirendra Kumar
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Union Budget 2021 22

Union Budget 2021-22( Photo Credit : newsnation)

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Union Budget 2021-22: भारतीय उर्वरक संघ (एफएआई) ने सरकार से मांग की है कि घरेलू स्तर पर उर्वरक उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए आगामी 2021 के केन्द्रीय बजट में गैर-यूरिया उर्वरक के कच्चे माल पर आयात शुल्क कम की जाये और तैयार उत्पाद पर बढ़ाया जाए. मौजूदा समय में रॉक फास्फेट और सल्फर को छोड़कर कच्चे माल और तैयार गैर-यूरिया उर्वरकों पर आयात शुल्क पांच प्रतिशत है जबकि रॉक फास्फेट और सल्फर पर आयात शुल्क 2.5 प्रतिशत है. 

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एक प्रतिशत सीमा शुल्क की मामूली दर पर लगाने की मांग

एफएआई महानिदेशक सतीश चंदर ने संवाददाताओं से कहा कि विश्व स्तर पर, कच्चे माल पर आयात शुल्क तैयार उत्पादों की तुलना में कम रखा गया है, लेकिन हमारे देश में ऐसा नहीं है और इसके परिणामस्वरूप हम अभी भी आयातित तैयार फॉस्फेटिक (पी) और पोटेशियम (के) उर्वरकों से प्रतिस्पर्धा का सामना कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि फॉस्फोरिक एसिड और अमोनिया जैसे आयातित कच्चे माल पर पांच प्रतिशत और रॉक फास्फेट और सल्फर पर 2.5 प्रतिशत की सीमा शुल्क के कारण घरेलू पीएंडके उर्वरक विनिर्माण आयात की तुलना में गैर-प्रतिस्पर्धी हो जाता है. वित्त मंत्रालय को भेजे गए अपने बजट प्रस्तावों में, एफएआई ने सरकार से कच्चे माल , मध्यवर्ती उत्पादों को सीमा शुल्क से छूट दिये जाने या, केवल एक प्रतिशत सीमा शुल्क की मामूली दर पर लगाने की मांग की है. 

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प्रस्ताव में कहा गया है कि इसके अलावा, पीएंडके खंड में घरेलू मूल्य संवर्धन और क्षमता उपयोग में सुधार के लिए आयातित पीएंडके उर्वरकों पर सीमा शुल्क की दर बढ़ाने की आवश्यकता है. एफएआई ने पीएंडके उर्वरकों के घरेलू उत्पादन की लागत में वृद्धि से बचने के लिए अप्रयुक्त इनपुट टैक्स क्रेडिट की समय पर वापसी और इनपुट सेवाओं पर जीएसटी पर रिफंड दिये जाने की भी मांग की. सब्सिडी पर, उद्योग निकाय ने कहा कि हमेशा बड़े पैमाने पर बकाया बनी रहता हैं और अब भी अप्रैल-जून तिमाही के लिए भुगतान नहीं हुआ है. सरकार ने वित्तवर्ष 2020-21 में उर्वरक सब्सिडी के लिए 71,000 करोड़ रुपये का आवंटन किया.

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