Edible Oil News Update: आम आदमी को बड़ा झटका, खपत घटने के बावजूद क्यों महंगा हो रहा है खाने का तेल, जानिए यहां

Edible Oil News Update: कारोबारी और बाजार के जानकार बताते हैं कि पाम तेल में आई तेजी के कारण खाने के तमाम तेलों के दाम बढ़े हैं. एक खास ब्रांड के सरसों के तल का भाव दो महीने पहले 130 रुपये प्रति किलो था जो अब 150 रुपये प्रति किलो हो गया है.

author-image
Dhirendra Kumar
एडिट
New Update
Edible Oil

Edible Oil News Update( Photo Credit : IANS)

Advertisment

Edible Oil News Update: कोरोना काल (Coronavirus Epidemic) में होटल, रेस्तरा, कैंटीन का कारोबार ठप पड़ने की वजह से खाने के तेल की खपत घटने के बावजूद तमाम खाद्य तेल (Edible Oil Price) की कीमतों में लगातार तेजी बनी हुई है. सरसों का तेल बीते दो महीने में 20 रुपये प्रति किलो तक महंगा हो गया है. इसी प्रकार, सोया तेल, पाम तेल व अन्य खाद्य तेल के दाम में इजाफा हुआ है. कारोबारी और बाजार के जानकार बताते हैं कि पाम तेल में आई तेजी के कारण खाने के तमाम तेलों के दाम बढ़े हैं. एक खास ब्रांड के सरसों के तल का भाव दो महीने पहले 130 रुपये प्रति किलो था जो अब 150 रुपये प्रति किलो हो गया है.

यह भी पढ़ें: Petrol Diesel Rate Today: 4 दिन बाद फिर महंगा हो गया डीजल, फटाफट चेक करें आज के नए भाव

सोया तेल का दाम 15 से 20 रुपये प्रति किलो तक बढ़ा
रिटेल कारोबारी बताते हैं कि मई के बाद सरसों के तेल में 20 रुपये प्रति किलो तक की वृद्धि हुई है और सोया तेल का दाम भी 15 से 20 रुपये प्रति किलो तक बढ़ गया है. साल्वेंट एक्स्ट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के कार्यकारी निदेशक डॉ. बी.वी. मेहता ने बताया कि पाम तेल के दाम में आई तेजी का असर खाने के तमाम तेल पर पड़ा है. उन्होंने कहा कि पाम तेल सबसे सस्ता तेल है और जब पाम तेल का दाम बढ़ता है तो सरसों और सोया तेल समेत अन्य खाद्य तेल के दाम में भी वृद्धि होती है. उन्होंने कहा कि मलेशिया में मजूदरों की कमी के कारण उत्पादन प्रभावित होने से पाम तेल के दाम में इजाफा हुआ है.

यह भी पढ़ें: रिलायंस इंडस्ट्रीज का मार्केट कैप 14 लाख करोड़ रुपये के पार पहुंचा, शेयर में 4.5 फीसदी से ज्यादा का उछाल

60 फीसदी है खाने के तेल की घरेलू खपत
डॉ. बी. वी. मेहता के अनुसार, खाने के तेल की 40 फीसदी खपत होरेका सेगमेंट यानी होटल, रेस्तरां और कैंटीन में होती है, जबकि 60 फीसदी घरेलू खपत होती है, लेकिन मौजूदा दौर में होरेका की मांग प्रभावित होने से घरेलू खपत करीब 10 फीसदी बढ़ गई है. मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर शुक्रवार को क्रूड पाम तेल यानी सीपीओ के चालू महीने के वायदा अनुबंध का भाव 745 रुपये प्रति 10 किलो तक उछला जबकि एक मई को सीपीओ का भाव एमसीएक्स पर 567 रुपये प्रति 10 किलो था. इस प्रकार एक मई के बाद सीपीओ का भाव 17.8 रुपये किलो बढ़ गया है। वहीं, कांडला पोर्ट पर आरबीडी पामोलीन का थोक भाव एक मई को जहां 705 रुपये प्रति 10 किलो था वहां 24 जुलाई को 810 रुपये प्रति 10 किलो हो गया.

यह भी पढ़ें: सोने-चांदी में किन वजहों से आ रही है तेजी, यहां जानिए

सोया तेल का भाव बेंचमार्क मार्केट इंदौर में एक जून को 795 रुपये प्रति 10 किलो था जोकि बढ़कर 850 रुपये प्रति 10 किलो हो गया है. जयपुर कच्ची घानी सरसों का थोक भाव एक मई को 897 रुपये प्रति 10 किलो था जोकि बढ़कर 1,038 रुपये प्रति 10 किलो हो गया है. इस प्रकार कच्ची घानी सरसों तेल का थोक दाम एक मई के बाद 14 रुपये प्रति किलो बढ़ गया है. तेल व तिलहन बाजार के जानकार मुंबई के सलिल जैन ने कहा कि इंडोनेशिया और मलेशिया पाम तेल का प्रमुख उत्पादक है और कोरोनावायरस संक्रमण की रोकथाम के लिए लॉकडाउन के साथ-साथ रमजान के मौके पर विदेशी मजदूरों के पलायन के कारण पाम का उत्पादन प्रभावित रहा और इस महीने बारिश के कारण पाम के उत्पादन पर असर पड़ने की आशंका बनी हुई है जिससे इसके दाम में लगातार तेजी बनी हुई है.

दिल्ली, मुंबई और चेन्नई समेत देश के बड़े शहरों के सोने-चांदी के आज के रेट जानने के लिए यहां क्लिक करें

उन्होंने बताया कि मलेशिया पाम ऑयल एसोसिएशन के अनुसार, एक से 20 जुलाई तक मलेशिया में पाम तेल का उत्पादन बीते महीने की इसी अवधि के मुकाबले 8.88 फीसदी कम रहा है। इससे केएलसी पर पाम तेल के दाम में लगातार तेजी बनी हुई है. मलेशियाई वायदा बाजार केएलसी पर एक जुलाई को पाम तेल का वायदा जहां एक जुलाई को 2297 रिंगिट प्रति टन था वहां 24 जुलाई को 2777 रिंगिट प्रति टन रहा. इस प्रकार मलेशिया में इस महीने पाम तेल के दाम में 20 फीसदी की उछाल आई है. जैन ने बताया कि अमेरिका-चीन ट्रेड वार के चलते इस साल चीन ने ब्राजील से सोयाबीन ज्यादा खरीदा जिससे ब्राजील की तकरीबन 95 फीसदी फसल निकल चुकी है और बाकी पांच फीसदी का इस्तेमाल बायोडीजल में होने की संभावना है.

यह भी पढ़ें: इंश्योरेंस कंपनियों को शेयर की बिक्री और गिरवी रखने से पहले लेनी होगी मंजूरी

उन्होंने कहा कि मौजूदा दौर में सोयाबीन की वैश्विक मांग अमेरिका की तरफ शिफ्ट हो चुकी है और अमेरिकी बाजार में सोयाबीन में तेजी बनी हुई जिसका असर दुनिया के बाजारों पर भी देखा जा रहा है. भारत ज्यादातर सोया तेल अर्जेटीना से खरीदता है जहां एक जुलाई को सोया तेल का दाम (एफओबी) 659.5 डॉलर प्रति टन था जोकि 24 जुलाई को बढ़कर 732 डॉलर प्रति टन हो गया. जैन बताते हैं कि वैश्विक बाजार की मौजूदा तेजी को देखते हुए लगता नहीं है कि त्योहारी सीजन में उपभोक्ताओं को सस्ता खाने का तेल मिल पाएगा.

Edible Oil Inflation Edible oil Edible Oil Import Edible Oil News Latest Edible Oil News Edible Oil Industry Edible Oil Price Outlook sea B V Mehta Latest Cooking Oil News Common Man Issue
Advertisment
Advertisment
Advertisment