बैंकों (Banks) ने किसानों को खरीफ के दौरान बुवाई (Kharif Crop) जरूरतों को पूरा करने के लिये 62,870 करोड़ रुपये की ऋण सीमा के साथ 70.32 लाख किसान क्रेडिट कार्ड (Kisan Credit Card) जारी किये हैं. केंद्रीय वित्त मंत्री (Finance Minister) निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने ट्विटर पर लिखा है कि 30 जून, 2020 की स्थिति के अनुसार आत्मनिर्भर पैकेज के तहत कुल 2 लाख करोड़ रुपये के सस्ते कर्ज के तहत 62,870 करोड़ रुपये की ऋण सीमा के साथ 70.32 लाख किसान क्रेडिट कार्ड जारी किये गये हैं.
यह भी पढ़ें: भारत के बैंकिंग सेक्टर पर आ सकती है बड़ी आफत, फिच रेटिंग्स ने जारी किया ये अनुमान
उल्लेखनीय है कि सरकार ने मई में मछुआरों और पशुपालन उद्योग से जुड़े कृषक समेत 2.5 करोड़ किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड के जरिये 2 लाख करोड़ रुपये का रियायती कर्ज देने की घोषणा की थी.
यह भी पढ़ें: Gold Rate Today: सोने-चांदी में आज उठापटक की आशंका, यहां जानिए बेहतरीन ट्रेडिंग टिप्स
म्यूचुअल फंड पर स्टांप शुल्क का खुदरा निवेशकों पर कोई असर नहीं: विशेषज्ञ
सभी तरह के म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) की खरीदारी पर बुधवार से स्टांप शुल्क लगना शुरू हो जायेगा. हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि यह शुल्क बहुत कम दर पर लगाया गया है और इसका आम निवेशकों पर या तो बहुत कम अथवा कोई प्रभाव नहीं होगा. म्यूचुअल फंड खरीदने, लाभांश के पुनर्निवेश और एक से दूसरे म्यूचुअल फंड में जाने पर बुधवार से 0.005 प्रतिशत की दर से स्टांप शुल्क देना होगा. विशेषज्ञों का मानना है कि इसका आम निवेशकों पर बहुत मामूली अथवा कोई असर नहीं होगा. म्यूचुअल फंड की खरीदारी के अलावा बाजार में अथवा बाजार बंद होने के बाद एक डिमैट खाते से दूसरे डिमैट खाते में यूनिटों के हस्तांतरण पर 0.015 प्रतिशत की दर से स्टांप शुल्क लगेगा. हालांकि, म्यूचुअल फंड यूनिटों के विमोचन यानी समयावधि समाप्त होने पर उनकी सुपुर्दगी पर स्टांप शुल्क नहीं देना होगा.
यह भी पढ़ें: निजी यात्री ट्रेनें शुरू करने को हरी झंडी, 109 रूटों पर दौड़ेंगी 151 प्राइवेट ट्रेन
आशिका वेल्थ एडवाइजर के सीईओ एवं सह- संस्थापक अमित जैन ने कहा कि स्टांप ड्यूटी का म्यूचुअल फंड निवेशकों पर मुश्किल से ही कोई असर होगा क्योंकि यह बहुत ही कम दर पर है. इसका कोई असर नहीं होगा. प्राइम इन्वेस्टर की सह- संस्थापक विद्या बाला ने कहा कि खुदरा निवेशकों पर इसका बहुत मामूली या फिर कोई प्रभाव नहीं होगा. खुदरा निवेशक यदि तीन माह के भीतर म्यूचुअल फंड में करोड़ों रुपये का निवेश करते हैं तभी उनपर इस स्टांप शुल्क का कुछ असर हो सकता है. अन्यथा इस शुल्क का खुदरा निवेशकों पर कोई असर नहीं होगा. हालांकि, क्वंटम म्युचुअल फंड के सीईओ जिम्मी पटेल ने कहा कि म्युचुअल फंड में निवेश करने वाले निवेशकों पर स्टांप ड्यूटी शुल्क का असर होगा. अब उन्हें स्टांप ड्यूटी काटने के बाद ही यूनिट आवंटित किये जायेंगे.
यह भी पढ़ें: Petrol Diesel Rate Today: आम आदमी को बड़ी राहत, लगातार तीसरे दिन पेट्रोल-डीजल के दाम स्थिर
वहीं सैम्को सिक्युरिटीज में रेंकएमएफ के प्रमुख ओंकेश्वर सिंह ने कहा कि इसका असर यूनिट रखने की अवधि पर निर्भर करेगा. लंबे समय के निवेशकों पर मामूली असर होगा. बाला ने स्टांप शुल्क के असर के बारे में बताया कि स्टांप ड्यूटी काटने के बाद ही यूनिट आवंटित किये जायेंगे. उदाहरण के तौर पर प्रत्येक एक लाख रुपये की खरीद पर निवेशकों को पांच रुपये का भुगतान करना होगा. इस लिहाज से एक लाख रुपये के निवेश पर 99,995 रुपये के यूनिट आवंटित किये जायेंगे. भारतीय स्टांप अधिनियम 1899 में संशोधन के कारण स्टांप ड्यूटी लगाने का प्रावधान किया गया है. वित्त विधेयक 2019 के जरिये यह प्रावधान किया गया। इसके तहत म्यूचुअल फंड सहित प्रतिभूति बाजार के सभी साधनों पर स्टांप शुल्क लिया जायेगा. यह नौ जनवरी से लागू होना था लेकिन सरकार ने बाद में इसे एक जुलाई तक के लिये स्थगित कर दिया था.