मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के बासमती चावल (Basmati Rice) को जीआई (Geographical Indication-GI) टैग की सूची में शामिल किए जाने की मांग को लेकर शिवराज सिंह चौहान सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) का दरवाजा खटखटाया है. यह जानकारी मध्य प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल ने दी है. कृषि मंत्री पटेल ने बताया कि मद्रास उच्च न्यायालय ने 27 फरवरी को राज्य में उत्पादित बासमती चावल को जीआई टैग सूची से बाहर कर दिए जाने के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया था. इस फैसले के खिलाफ राज्य सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय में अपील की है.
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मद्रास उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में अपील
कमल पटेल ने बताया है कि कृषि विभाग ने मद्रास उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में अपील की है. इसके लिए अधिवक्ता जे साई कौशल को स्पेशल कौंसिल नियुक्त किया गया है. सर्वोच्च न्यायालय में कौशल राज्य का पक्ष रखेंगे. कृषि मंत्री पटेल का आरोप है, "पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कारण बासमती के चावल का बड़ा उत्पादक राज्य जीआई टैग के मामले में पिछड़ गया है. हमारा राज्य पारंपरिक तरीके से बासमती के चावल का उत्पादन करता है, यहां अच्छी किस्म का बासमती चावल उत्पादित होता है.
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बासमती के जीआई टैग की सूची में आने से किसानों को मिलेंगे अच्छे दाम
शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली सरकार ने राज्य के बासमती को जीआई टैग में शामिल करने के लिए सर्वोच्च न्यायालय में अपील की है. राज्य के बासमती के जीआई टैग की सूची में आने से किसानों को अच्छे दाम मिलेंगे.