केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) ने ब्राजील को भारत से गेहूं, चावल, प्याज, ताजा व सूखे अंगूर, कपास व अन्य कृषि उत्पाद खरीदने का प्रस्ताव दिया है, जिस पर ब्राजील की कृषि, पशुधन एवं खाद्य आपूर्ति मंत्री टेरेजा क्रिस्टीना कोरिया दा कोस्टा डायस ने सहमति जताई. टेरेजा क्रिस्टीना कोरिया दा कोस्टा डायस की अगुवाई में आया एक शिष्टमंडल गुरुवार को कृषि मंत्रालय में तोमर से मिला. इस मुलाकात के दौरान दोनों देशों के बीच कृषि उत्पादों के आयात-निर्यात समेत विभिन्न द्विपक्षीय मसलों पर बातचीत हुई.
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कृषि उत्पाद एक्सपोर्ट में विविधता लाने का प्रयास
तोमर ने कहा कि हम ब्राजील को कृषि उत्पादों का निर्यात करने की दृष्टि से अपने उत्पादों में विविधता लाना चाहते हैं. ब्राजील विश्व के अन्य देशों से प्याज, ताजे व सूखे अंगूर, गेहूं, चावल व अन्य कृषि उत्पाद आयात करता है. उन्होंने बाजील से अनुरोध किया है कि वे भारत से इन कृषि उत्पादों का आयात करने की संभावनाएं तलाशें. उन्होंने कहा कि भारत ने ब्राजील से भारत को कपास, मक्का, सोयाबीन व अन्य उत्पाद निर्यात करने के लिए पहले ही अपने बाजार की पहुंच प्रदान की है.
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तोमर ने ब्राजील की कृषि मंत्री से कहा कि मैं समझता हूं कि दोनों परस्पर एक-दूसरे देश में कृषि उत्पादों के बाजार की पहुंच बढ़ाने के इच्छुक हैं. लिहाजा, मैं बाजरा, सोरगम, तोरिया, कपास और प्याज के संबंध में भारत द्वारा पेश कीट जोखिम विश्लेषण (पीआरए) के परिणाम शोध देने में आपके सहयोग करने का आग्रह करना चाहूंगा. टेरेजा क्रिस्टीना कोरिया दा कोस्टा डायस ने उन्हें आश्वस्त करते हुए कहा कि भारत ब्राजील को गेहूं, चावल, बाजरा और सोरगम निर्यात करेगा और इस दिशा में वह हर संभव प्रयास करेंगी.
उन्होंने कहा कि ब्राजील में शून्य आयात शुल्क कार्यक्रम है जिसके तहत तय 7.5 लाख टन कोटा का भारत अपने निर्यात के लिए प्रभावी तरीके से उपयोग कर सकता है. ब्राजील के शिष्टमंडल के साथ भारत के तकनीकी पादप स्वच्छता विशेषज्ञों की 20 जनवरी 2020 की बैठक को उपयोगी बताते हुए तोमर ने उनसे कहा कि मुझे बताया गया है कि दोनों पक्ष भारत में ब्राजील से मक्के का बीज नियात करने और ब्राजील से भारत में सीसेम का निर्यात करने के लिए बाजार की पहुंच उपलब्ध कराने को लेकर विचार करने पर सहमत हुए हैं.
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तोमर ने कहा कि मैं आईसीएआर (भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद) और बाजीलियन एग्रीकल्चरल रिसर्च कॉरपोरेशन (ईएमबीआरएपीए) के बीच विराराधीन कार्य योजना के मसौदे को शीघ्र अंतिम रूप देने का आग्रह करना चाहूंगा. यह 2016 में ईएमबीआरएपीए और आईसीआरए के बीच हुए समझौता ज्ञापन का हिस्सा है. उन्होंने कहा कि हमारा द्विपक्षीय व्यापार वर्ष 2018-19 में 104.5 करोड़ अमेरिकी डॉलर था जो हमारी क्षमता से बहुत कम है और इससे हमारी अर्थव्यवस्था की मजबूती की झलक नहीं मिलती है. लिहाजा, हमें भारत और ब्राजील के बीच मौजूद अनंत संभावनाओं और क्षमता को देखते हुए द्विपक्षीय व्यापार को अधिक से अधिक प्रोत्साहन देना चाहिए.