सहकारी संस्था नैफेड (National Agricultural Cooperative Marketing Federation of India-NAFED) ने शुक्रवार को कहा कि उसने 15,000 टन आयातित प्याज (Imported onion) की आपूर्ति के लिए आदेश जारी किए हैं और इस संबंध में बोलीदाताओं को अंतिम रूप दे दिया गया है. नेफेड ने कहा कि इससे घरेलू बाजार में उपलब्धता बढ़ेगी और कीमतें काबू में रहेंगी. नेफेड ने आगे कहा कि आयातित प्याज बंदरगाह शहरों से वितरित किया जाएगा, इसलिए तेजी से आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकारों से पूछा गया है कि उन्हें कितनी मात्रा में प्याज चाहिए.
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भारत में आमतौर पर मध्यम आकार के प्याज को किया जाता है पसंद
नेफेड ने आयातित प्याज की अतिरिक्त आपूर्ति के लिए नियमित निविदा जारी करने की योजना बनाई है. एक आधिकारिक बयान के मुताबिक कल (गुरुवार) नेफेड को तूतीकोरिन और मुंबई में आपूर्ति के लिए जारी निविदाओं के लिए अच्छी प्रतिक्रिया मिली. नेफेड ने कल शाम ही सफल बोलीदाताओं को अंतिम रूप दे दिया, ताकि बाजार में समय पर आपूर्ति हो सके. नेफेड ने कहा कि इस बार उसने प्याज की गुणवत्ता और आकार पर खासतौर से जोर दिया है, जो भारतीय उपभोक्ताओं की पसंद से मेल खाता हो. गौरतलब है कि भारत में आमतौर पर मध्यम आकार के प्याज को पसंद किया जाता है, जबकि विदेशी प्याज आकार 80 मिमी तक बड़े होते हैं.
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सरकार के नीतिगत हस्तक्षेप और बफर, आयात और नई आवक से बढ़ेगी सप्लाई
पिछले साल एमएमटीसी ने तुर्की और मिस्र से सीधे पीले, गुलाबी और लाल प्याज का आयात किया था, जबकि इस साल कम से कम समय में अच्छी गुणवत्ता वाले प्याज की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए निजी आयातकों को आपूर्ति करने की पेशकश की गई है. नेफेड ने कहा कि इस बीच प्याज की थोक और खुदरा कीमतों में लगातार गिरावट देखी जा रही है. महाराष्ट्र, कर्नाटक, राजस्थान और अन्य राज्यों से रबी (सर्दी) के पुराने स्टॉक और खरीफ (गर्मी) के नए स्टॉक की आवक से प्याज की बढ़ती कीमतों पर लगाम लगा है. नेफेड ने उम्मीद जताई कि सरकार के नीतिगत हस्तक्षेप और बफर, आयात तथा नई आवक से आपूर्ति में तेजी होगी और प्याज का बाजार जल्द ही सामान्य हो जाएगा. मंडी भाव के अनुसार देश के कुछ हिस्सों में प्याज की खुदरा कीमतें 80-100 रुपये प्रति किलोग्राम तक हैं.