Coronavirus (Covid-19): महाराष्ट्र से चीनी निर्यात (Sugar Export) पर लॉकडाउन का प्रभाव रहा है. इस साल जनवरी से जून की अवधि में राज्य से 60 लाख टन निर्यात लक्ष्य के मुकाबले केवल 36 लाख टन चीनी (Sugar) का ही निर्यात किया गया. महाराष्ट्र राज्य सहकारी चीनी कारखाना महासंघ के चेयरमैन जयप्रकाश दांडेगांवकर ने कहा कि कोविड-19 महामारी (Coronavirus Epidemic) और उसके बाद लगाये गये लॉकडाउन के कारण निर्यात की प्रक्रिया प्रभावित हुई है.
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नवंबर 2019 से लेकर जून 2020 तक राज्य में 570 लाख टन गन्ने की पेराई
उन्होंने बताया कि नवंबर 2019 से लेकर जून 2020 तक राज्य में 570 लाख टन गन्ने की पेराई की गई. इससे अब तक 63 लाख टन चीनी का उत्पादन किया गया. दांडेगांवकर ने कहा कि 36 लाख टन चीनी का निर्यात कर लिया गया है। और छह लाख टन के निर्यात के लिये सौदे हुये हैं और इसके लिये चीनी गोदामों से जारी की जा रही है. उन्होंने बताया कि अब तक ज्यादातर चीनी का इंडोनेशिया और ईरान को निर्यात किया गया. एक साल पहले जनवरी से जून अवधि में राज्य में 952 लाख टन गन्ने की पेराई की गई थी और 107 लाख टन चीनी उत्पादन हुआ था. गन्ने की पेराई आमतौर पर हर साल नवंबर में शुरू होकर मार्च अंत तक चलती है.
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बता दें कि देश के विभिन्न हिस्सों में होटल, कैंटीन, ढाबा, रेस्तरां खुलने से चीनी (Sugar Price Today) की मांग में भी धीरे-धीरे बढ़ोतरी होने लगी है, जिससे नकदी के संकट से जूझ रही चीनी मिलों (Sugar Mill) की आर्थिक सेहत सुधरने की उम्मीद जगी, लेकिन कोरोना ने चालू सीजन में 20 लाख टन चीनी की खपत में चपत लगा दी है, जिसकी कसक उद्योग को बनी हुई है. कोरोनावायरस (Coronavirus) के प्रसार पर लगाम लगाने के मकसद से केंद्र सरकार ने जब 25 मार्च से देश में पूर्ण बंदी की घोषणा की थी, उस समय भी देश की तमाम चीनी मिलें चल रही थीं और उत्पादन, आपूर्ति व विपणन कार्य पर कोई रोक नहीं थी, लेकिन होटल, रेस्तरां, कैंटीन, मॉल, सिनेमा हॉल आदि के बंद होने से आइस्क्रीम और सॉफ्ट ड्रिंक की बिक्री में भारी गिरावट आई, जिसका असर चीनी उद्योग (Sugar Industry) पर पड़ा. (इनपुट एजेंसी)