Coronavirus (Covid-19): कोरोना वायरस के कहर के चलते इस साल गेहूं (Wheat) की सरकारी खरीद (Government Procurement) 15 दिनों की देरी से शुरू हुई, मगर खरीद जोरों पर हो रही है और महज 19 दिनों में सरकारी एजेंसियों ने 190 लाख टन से ज्यादा गेहूं किसानों से खरीद लिया है. केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री राम विलास पासवान (Ram Vilas Paswan) ने मंगलवार को एक ट्वीट के जरिए बताया कि चार मार्च, 2020 तक देशभर में 190.12 लाख टन गेहूं की खरीद हो चुकी है और रबी सीजन के चावल की खरीद 26.42 लाख टन हो चुकी है. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि खरीद केंद्रों पर सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा जा रहा है.
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MSP पर 407 लाख टन गेहूं की खरीद करने का लक्ष्य
केंद्र सरकार ने चालू रबी विपणन सीजन 2020-21 में देश के किसानों से सीधे न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी पर 407 लाख टन गेहूं की खरीद करने का लक्ष्य रखा है, जोकि पिछले साल के मुकाबले करीब 66 लाख टन अधिक है. सरकारी एजेंसियां किसानों से केंद्र सरकार द्वारा इस साल तय न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी 1925 रुपये प्रति कुंटल की दर से गेहूं खरीदती है. देश के प्रमुख गेहूं उत्पादक प्रांतों की खरीद एजेंसियां सेंट्रल पूल के लिए गेहूं खरीदती हैं, लेकिन खरीद की प्रक्रिया का संचालन, रखरखाव आदि केंद्रीय एंजेंसी भारतीय खाद्य निगम यानी एफसीआई करती है.
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एफसीआई से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, चालू सीजन में अब तक सबसे ज्यादा 95.31 लाख टन गेहूं की खरीद पंजाब में हुई है. वहीं, हरियाणा में 44.73 लाख टन, मध्यप्रदेश में करीब 39.65 लाख टन, उत्तर प्रदेश में करीब 8.11 लाख टन और राजस्थान में करीब 2.02 लाख टन गेहूं की खरीद हो गई है. पंजाब ने इस साल 135 लाख टन गेहूं की खरीद का लक्ष्य रखा है. वहीं, हरियाणा में 95 लाख टन, मध्यप्रदेश में 100 लाख टन, उत्तर प्रदेश में 55 लाख टन और राजस्थान में 17 लाख टन गेहूं की सरकारी खरीद का लक्ष्य रखा गया है. इन राज्यों के अलावा, उत्तराखंड में अब तक 15977 टन, चंडीगढ़ में 8420 टन, गुजरात में 3817 टन और हिमाचल प्रदेश में 1480 टन गेहूं की खरीद हो चुकी है.