किसान (Farmers) बिना किसी बड़े नुकसान के गेहूं (Wheat) की कटाई (Harvesting) में 20 अप्रैल तक की देरी कर सकते क्योंकि तापमान (Temperature) अभी दीर्घावधिक औसत से कम है. भारत में कोरोना वायरस (Coronavirus) संक्रमण के संकट के बीच सरकारी अनुसंधान निकाय आईसीएआर (ICAR) ने यह सलाह जारी की. आमतौर पर, गेहूं की कटाई मार्च के अंत में शुरू होती है. सरकार ने फसल वर्ष 2019-20 (जुलाई-जून) में 10 करोड़ 62.1 लाख टन का रिकॉर्ड गेहूं उत्पादन करने का अनुमान जताया है, जो पिछले वर्ष 10 करोड़ 36 लाख टन था. इस उत्पादन वृद्धि का कारण अच्छी बारिश का होना है.
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20 अप्रैल तक बगैर किसी बड़े नुकसान के गेहूं की कटाई कर सकते हैं किसान: ICAR
किसानों के लिए जारी अपने ताजा परामर्श में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) ने कहा कि अधिकांश गेहूं उत्पादक क्षेत्रों में तापमान अभी भी दीर्घकालिक औसत से नीचे है और इसलिए 10 अप्रैल से आगे कम से कम 10-15 दिनों तक गेहूं की कटाई में देरी होने की संभावना है. इसलिए, किसान 20 अप्रैल तक बिना किसी बड़े नुकसान के गेहूं की कटाई में देरी कर सकते हैं. आईसीएआर ने कहा कि राज्य के भीतर और राज्यों के बीच ‘कंबाइन हार्वेस्टर’ मशीन की आवाजाही की अनुमति है, और किसानों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि मरम्मत, रखरखाव और कटाई के काम में लगे कर्मचारी कोरोनावायरस से सुरक्षा करने के उपायों को अपनाएं.
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सरसों की कटाई का काम जारी
मौजूदा समय में, दूसरी सबसे महत्वपूर्ण रबी फसल (Rabi Crop) सरसों (Mustard) की हाथ से की जाने वाली कटाई का काम चल रहा है और जहां भी इसकी कटाई हो गयी है, वहां पेराई की जा रही है. आईसीएआर ने कहा कि मसूर, मक्का और मिर्च की कटाई चल रही है, जबकि चना (Chana) फसल की कटाई नजदीक आ रही है. गन्ने की कटाई भी उन्नत चरण में है, जबकि उत्तरी भारत में हाथ रोपाई का भी समय है. अपने परामर्श में, आईसीएआर ने किसानों को केवल ‘यथासंभव परिचित व्यक्तियों को और उचित पूछताछ के बाद काम पर रखने को कहा है ताकि खेत पर काम करने के दौरान किसी भी संदिग्ध या संभावित वाहक (कोरोनावायरस के) को इस काम में लगने से रोका जा सके. उसने कहा है कि जहां तक संभव हो, हाथ से काम करने के बजाय मशीनों के उपयोग को प्राथमिकता दें. मशीन के साथ केवल जरूरी संख्या में लोगों को काम करने की अनुमति दी जानी चाहिए.
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कामकाज के दौरान एक सुरक्षित दूरी बनाकर रखें कृषि मजदूर
उसने कहा है कि कामकाज के दौरान कृषि मजदूरों के बीच एक सुरक्षित दूरी (4-5 फुट की) बनायी जानी चाहिये. उसने कहा कि कटाई के समय सभी लोगों को मास्क लगाना चाहिए और बीच बीच में साबुन से हाथ धोना सुनिश्चित करना चाहिए. आराम के समय, भोजन करते समय, अनाज के भंडारण की जगह पर उपज का स्थानांतरण, लोडिंग या अनलोडिंग करने के दौरान 3-4 फीट की दूरी बनानी चाहिए. रबी धान के संबंध में, आईसीएआर ने कहा कि दक्षिणी राज्यों में फसल 'नेक ब्लास्ट’ बीमारी के कारण व्यापक रूप से प्रभावित हुई है। इसलिए, ठेके पर छिड़काव करने वाले स्प्रेयर या किसानों द्वारा अनुशंसित कवकनाशी दवा का छिड़काव करते समय पर्याप्त सावधानी बरती जानी चाहिए. आम जैसी बागवानी फसल, फलने की अवस्था में है और इस पर पोषक तत्वों के स्प्रे और फसल सुरक्षा से संबंधित फील्ड ऑपरेशन करते समय छिड़काव की वस्तुओं को संभालने में पर्याप्त सावधानी बरतनी चाहिए। इसके अलावा, उपकरणों की डिलीवरी और धुलाई भी की जानी चाहिए.
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आईसीएआर ने कहा कि कृषि मशीनों और उपकरणों को शुरु में ही और नियमित अंतराल पर साफ किया जाना चाहिए. सभी ढुलाई करने वाले वाहनों, बैगों व थैलियों या अन्य पैकेजिंग सामग्री को भी स्वच्छ किया जाना चाहिए. उपज का संग्रह 3-4 फीट की दूरी पर छोटे ढेर में किया जा सकता है और भीड़ को कम करने के लिए खेत के स्तर प्रसंस्करण का काम 1-2 व्यक्तियों को ही देना चाहिए. आईसीएआर ने मशीन के पुर्जों को बार-बार साबुन से धोने की सलाह दी है. फसल उत्पादन के बाद की कटाई, भंडारण और विपणन के लिए, आईसीएआर ने किसानों को खेत स्तर पर सुखाने, थ्रेसिंग, सफाई, ग्रेडिंग, छंटाई और पैकेजिंग का काम करते समय सावधानी बरतने के लिए कहा. इसने कहा है, ‘‘खेत या घर में फसल / अनाज, बाजरा, दालों के भंडारण से पहले उन्हें पर्याप्त ढंग से सुखाना सुनिश्चित किया जाना चाहिये और कीटों के संक्रमण को रोकने के लिए पिछले मौसम के जूट के थैलों का पुन: उपयोग न करें. 5 प्रतिशत नीम के घोल में भिगोने के बाद उपचारित और सूखाये गये बैगों का ही उपयोग करें.
उसने कहा कि किसानों को कृषि उपज की लोडिंग करते समय और बाजार यार्ड या नीलामी बिक्री में भाग लेने के दौरान पर्याप्त व्यक्तिगत सुरक्षा उपाय करने चाहिए. आईसीएआर ने कहा कि बीज उत्पादक किसानों को जरुरी दस्तावेजों के साथ अपनी उपज बीज कंपनियों के पास ले जाने की अनुमति है, और उन्हें भुगतान प्राप्त करते समय सावधानी बरतने को कहा गया। किसानों को खेतों से टमाटर, फूलगोभी, हरी पत्तेदार सब्जियां, खीरे और अन्य खीरे जैसी सब्जियों की सीधी मार्केटिंग / आपूर्ति करते समय सावधानी बरतनी चाहिए.