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Cotton Price Today: MSP से 15 फीसदी ऊंचे दाम पर बिक रहा कपास, जानिए आगे कैसा रहेगा इसका बाजार

Cotton Price Today: सरकार ने कपास (लंबा रेशा) का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 5,825 रुपये प्रति क्विंटल और मध्यम रेशा वाली कपास का एमएसपी 55,15 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है.

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Dhirendra Kumar
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Cotton Price Today

Cotton Price Today( Photo Credit : IANS )

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Cotton Price Today: सफेद सोना यानी कपास की खेती इस साल किसानों के लिए फायदे का सौदा साबित हुई है. वैश्विक बाजार में रूई (Cotton Rate Today) के दाम में आई तेजी के बाद देश में कपास का भाव इसके एमएसपी से 15 फीसदी से ज्यादा तेज हो गया है और किसान अब सरकारी एजेंसी की खरीद के मोहताज नहीं रह गए हैं. कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष अतुल गणत्रा कहते हैं कि सफेद सोना वाकई इस साल किसानों के लिए सोना बन गया है. सरकार ने कपास (लंबा रेशा) का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 5,825 रुपये प्रति क्विंटल और मध्यम रेशा वाली कपास का एमएसपी 55,15 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है. कारोबारियों ने बताया कि गुजरात में कपास का भाव 6,500 रुपये प्रति क्विंटल है. गणत्रा ने बताया कि बीते तीन साल के बाद रूई में इतनी बड़ी तेजी आई है, जिससे अगले सीजन में कपास की खेती के प्रति किसानों की दिलचस्पी निस्संदेह बढ़ेगी और कपास की बुवाई के रकबे में पिछले साल के मुकाबले कम से कम 10 फीसदी का इजाफा होगा.

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विदेशी बाजार में रूई का भाव करीब तीन साल के ऊंचे स्तर पर
रूई का भाव अंतर्राष्ट्रीय वायदा बाजार इंटरकांटिनेंटल एक्सचेंज (आईसीई) पर बीते 25 फरवरी को 95.57 सेंट प्रति पौंड तक उछला था, जो 11 जून 2018 के बाद का सबसे ऊंचा स्तर है, जब आईसीई पर रूई का भाव 96.49 सेंट प्रति पौंड तक चढ़ा था. हालांकि रूई का भाव इस साल के ऊंचे स्तर से टूटकर गुरुवार को 88 सेंट प्रति पौंड पर आ गया फिर भी रूई का भाव करीब तीन साल के ऊंचे स्तर पर बना हुआ है. केडिया एडवायजरी के डायरेक्टर अजय केडिया ने बताया कि रूई का भाव काफी ऊंचा हो गया था, जिसके बाद मुनाफावसूली हावी होने के कारण कपास के दाम में गिरावट आई है, हालांकि फंडामेंटल अभी भी मजबूत है.

अंतर्राष्ट्रीय बाजार में रूई के दाम में बीते एक सप्ताह के दौरान आई गिरावट के बाद भारतीय बाजार में में भी नरमी आई है. अतुल गणत्रा ने बताया कि जब वैश्विक बाजार में कॉटन 95 सेंट के ऊपर चला गया था, तब भारतीय कॉटन यानी रूई और अमेरिका के कॉटन के दाम में 14 सेंट का अंतर था जो अब घटकर सात सेंट रह गया है, जिससे निर्यात मांग जो बीते दिनों बढ़ी थी उसमें नरमी आ गई है. उन्होंने बताया कि कॉटन का भाव गुजरात में बीते दिनों जहां 47,000 रुपये प्रति कैंडी (एक कैंडी में 356 किलो) हो गया था, वहां अब घटकर 4,600 रुपये प्रति कैंडी पर आ गया है.

चालू सीजन में भारत से 60 लाख गांठ तक निर्यात करेगा: अतुल गणत्रा
गणत्रा ने बताया कि फरवरी के आखिर तक भारत का काटन निर्यात 34 लाख गांठ (एक गांठ में 170 किलो) हो चुका था और व्यक्तिगत तौर पर उनका अनुमान है कि चालू सीजन में भारत से 60 लाख गांठ तक निर्यात करेगा, हालांकि एसोसिएशन का अनुमान अब तक 54 लाख गांठ ही है, लेकिन इस महीने होने वाली बैठक में सदस्यों के बीच विचार-विमर्श किया जाएगा.

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कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया के के अनुसार, देश में रूई का उत्पादन चालू कॉटन सीजन 2020-21 (अक्टूबर-सितंबर) में 360 लाख गांठ है, पिछले साल का बकाया स्टॉक 125 लाख गांठ और आयात 14 लाख गांठ को मिलाकर कुल आपूर्ति 499 लाख गांठ रहेगी, जबकि घरेलू खपत मांग 330 लाख गांठ और निर्यात 54 लाख गांठ होने के बाद 30 सितंबर 2021 को 115 लाख गांठ कॉटन अगले सीजन के लिए बचा रहेगा. हालांकि कपड़ा मंत्रालय के तहत गठित कमेटी ऑनफ कॉटन प्रोडक्शन एंड कन्जंप्शन (सीओसीपीसी) के अनुसार, देश में चालू सीजन 2020-21 में कॉटन का उत्पादन 371 लाख गांठ रहने का अनुमान है, जिसमें से 28 फरवरी 2021 तक 294.73 लाख गांठ कॉटन की आवक हो चुकी थी.

HIGHLIGHTS

  • वैश्विक बाजार में रूई के दाम में आई तेजी के बाद कपास का भाव एमएसपी से 15 फीसदी से ज्यादा बढ़ा
  • लंबा रेशा और मध्यम रेशा वाली कपास का MSP क्रमश: 5,825 रुपये और  55,15 रुपये प्रति क्विंटल 
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