Cotton Rate Today: किसानों को कपास का अच्छा भाव मिलने से इस साल इसकी खेती के प्रति उनकी दिलचस्पी बढ़ सकती है और वे खरीफ सीजन की दूसरी प्रमुख फसलों के बजाय कपास की बुवाई ज्यादा कर सकते हैं. जानकार बताते हैं कि इस साल खरीफ सीजन में कपास की बुवाई का रकबा पिछले साल के मुकाबले कम से कम 10 फीसदी बढ़ सकता है. खासतौर से गुजरात, राजस्थान और तेलंगाना में इस साल कपास का रकबा बढ़ने की उम्मीद है. देश के किसानों को चालू सीजन कपास का भाव एमएसपी से 1,000 रुपये प्रति क्विंटल से भी ज्यादा मिला है. सरकार ने चालू सीजन 2020-21 के लिए कपास (लंबा रेशा) का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 5,825 रुपये प्रति क्विंटल और मध्यम रेशा वाली कपास का एमएसपी 55,15 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है, जबकि बाजार में कपास का भाव 6,000 रुपये प्रतिक्विंटल से ऊपर ही चल रहा है. बीते दिनों गुजरात में कपास का भाव 6,500 रुपये प्रति क्विंटल से भी ऊपर तक उछला.
यह भी पढ़ें: Gold Rate Today: आज महंगे हो सकते हैं सोना-चांदी, जानिए ट्रॉप ट्रेडिंग कॉल्स
गुजरात और राजस्थान में मूंगफली के बजाय कपास की बुआई बढ़ा सकते हैं किसान
कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष अतुल गणत्रा ने कहा कि गुजरात और राजस्थान में मूंगफली के बजाय किसान कपास की बुवाई में दिलचस्पी ले सकते हैं. वहीं, तेलंगाना में भी कपास का रकबा बढ़ेगा. दुनिया के कॉटन बाजार पर पैनी निगाह रखने वाले मुंबई के गिरीश काबरा ने भी कहा कि आगामी खरीफ सीजन में कपास का रकबा पिछले साल से ज्यादा रहेगा. उन्होंने बताया कि उत्तर भारत के कुछ इलाकों में नए सीजन में कपास की बुवाई शुरू हो गई है और इस महीने के आखिर तक बुवाई काफी जोर पकड़ लेगी. काबरा ने कहा कि जब तक कपास का भाव एमएसपी से कम था, तब तक भारतीय कपास निगम (सीसीआई) की खरीदारी चल रही थी, इसलिए किसानों को एमएसपी मिल रहा था, लेकिन जब बाजार में उनको एमएसपी से ऊंचा भाव मिलने लगा तो वे बाजार में ही बेचने लगे और सीसीआई की खरीद बंद हो गई.
यह भी पढ़ें: Gold Silver Price Today: सोने-चांदी में लिवाली से इस सप्ताह गुलजार रह सकता है सर्राफा बाजार
बाजार सूत्र बताते हैं कि कपास का रकबा बढ़ने से इस साल बीज की किल्लत बनी रह सकती है. कपास सीजन 2020-21 में देश के किसानों ने कुल 129.57 लाख हेक्टेयर में कपास की खेती की थी. कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया के आकलन के अनुसार, चालू कॉटन सीजन 2020-21 (अक्टूबर-सितंबर) में देश में कॉटन का कुल उत्पादन 358.50 लाख गांठ (एक गांठ में 170 किलो) है, जबकि पिछले साल का बकाया स्टॉक 125 लाख गांठ और आयात करीब 12 लाख गांठ को मिलाकर कुल आपूर्ति 495.50 लाख गांठ रहेगी, जबकि घरेलू खपत मांग 330 लाख गांठ और निर्यात 60 लाख गांठ होने के बाद 30 सितंबर 2021 को 105.50 लाख गांठ कॉटन अगले सीजन के लिए बचा रहेगा. -इनपुट आईएएनएस
HIGHLIGHTS
- गुजरात, राजस्थान और तेलंगाना में इस साल कपास की बुआई बढ़ने की संभावना
- चालू सीजन में कपास का भाव एमएसपी से 1,000 रुपये प्रति क्विंटल से ज्यादा मिला