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कोविड-19 का प्रभाव: महंगा नहीं, अपने बजट के अनुकूल घर खरीदना चाहते हैं लोग

कोविड-19 की वजह से लागू लॉकडाउन के बीच लोगों को घर से काम (वर्क फ्रॉम होम) करना पड़ रहा है. रीयल्टी कंपनियों का कहना है कि ऐसे में खरीदार अपनी जेब अधिक ढीली करने को तैयार नहीं हैं

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Aditi Sharma
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कोविड-19 का प्रभाव( Photo Credit : फाइल फोटो)

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कोविड-19 की वजह से लागू लॉकडाउन के बीच लोगों को घर से काम (वर्क फ्रॉम होम) करना पड़ रहा है. रीयल्टी कंपनियों का कहना है कि ऐसे में खरीदार अपनी जेब अधिक ढीली करने को तैयार नहीं हैं, और वे लक्जरी यानी महंगे मकानों के बजाय बजट अनुकूल घरों की खरीद करना चाहते हैं. अक्षय होम्स लि. के संस्थापक टी चिट्टी बाबू नेकहा, ‘‘पहले जो लोग ‘पेइंग गेस्ट’ के रूप में रहना चाहते थे, अब वे अपने बजट में अपार्टमेंट खरीदना चाहते हैं.’’

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उन्होंने कहा कि इस महामारी ने डेवलपर्स और लोगों के लिए काफी अवसर पैदा किए हैं. बाबू ने कहा कि अब ग्राहकों को अपने घर की जरूरत समझ आ गई है. डेवलपर्स के लिए इससे बेशक लक्जरी नहीं, लेकिन बजट खंड में मांग पैदा होगी. बाबू ने कहा कि अब लोगों ने जान लिया है कि उन्हें चुनौती के साथ रहना सीखना होगा.

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ऐसे में उन्हें पैसा बचाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि पहले लोग अपने बजट को बढ़ाकर बड़ा अपार्टमेंट खरीदना चाहते थे, लेकिन अब वे अपने बजट में ही घर खरीदना चाहते हैं. बाबू ने कहा कि युवा पीढ़ी अब शहरों का रुख कर रही है और पेइंग गेस्ट के रूप में नहीं रहना चाहती. उन्होंने कहा, ‘‘वे अनजान लोगों के साथ नहीं रहना चाहते. वे ऐसा घर खरीदना चाहते हैं, जो उनके बजट के अनुकूल हो.’’ 

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