कच्चे तेल (Crude) में लौटी तेजी, डोनाल्ड ट्रंप के हस्तक्षेप के संकेत से मिला सपोर्ट

जानकार बताते हैं कि कोरोना वायरस (Coronavirus) के प्रकोप से दुनियाभर में आर्थिक गतिविधियां चरमरा गई हैं जिससे तेल की मांग कम हो गई है इसलिए कच्चे तेल के दाम में आगे तेजी बने रहने की उम्मीद कम है.

author-image
Dhirendra Kumar
New Update
Crude Oil

कच्चा तेल (Crude Oil)( Photo Credit : फाइल फोटो)

Advertisment

अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल (Crude Oil) के दाम में 18 साल के निचले स्तर पर पहुंचने के बाद रिकवरी आई है. वहीं शुक्रवार को लगातार दूसरे दिन तेजी का सिलसिला जारी रहा. अंतर्राष्ट्रीय बाजार से मिले संकेतों से घरेलू वायदा बाजार में भी कच्चे तेल में तेजी बनी रही. विदेशी मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) द्वारा तेल बाजार में छिड़ी कीमत जंग में हस्तक्षेप करने का संकेत मिलने के कारण तेल की कीमतों में तेजी आई है.

यह भी पढ़ें: रिलायंस इंडस्ट्रीज के निवेशकों के लिए खुशखबरी, मुकेश अंबानी और उनके परिवार ने बढ़ाई हिस्सेदारी

हालांकि जानकार बताते हैं कि कोरोना वायरस (Coronavirus) के प्रकोप से दुनियाभर में आर्थिक गतिविधियां चरमरा गई हैं जिससे तेल की मांग कम हो गई है इसलिए कच्चे तेल के दाम में आगे तेजी बने रहने की उम्मीद कम है.

यह भी पढ़ें: हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन हरे निशान में खुला बाजार, सेंसेक्स 300 प्वाइंट से ज्यादा बढ़ा

18 मार्च को MCX पर 1,583 रुपये प्रति बैरल तक लुढ़का था कच्चा तेल

देश के सबसे वायदा बाजार मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर दोपहर 12.28 बजे कच्चे तेल के अप्रैल अनुबंध में पिछले सत्र से 155 रुपये यानी 7.83 फीसदी की तेजी के साथ 2,135 रुपये प्रति बैरल पर कारोबार चल रहा था. दो दिन पहले 18 मार्च को एमसीएक्स पर कच्चे तेल का दाम 1,583 रुपये प्रति बैरल तक लुढ़का था, जिसके बाद जोरदार रिकवरी आई है और बीते सत्र में कच्चे तेल के दाम में 23 फीसदी से ज्यादा का उछाल आया. कोरोना के कहर और तेल बाजार में छिड़ी कीमतों की जंग के चलते बीते दिनों कच्चे तेल की कीमतों में भारी गिरावट आई.

यह भी पढ़ें: Rupee Open Today: अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये में रिकवरी, आज 22 पैसे बढ़कर खुला भाव

इंटरकांटिनेंटल एक्सचेंज (आईसीई) पर ब्रेंट क्रूड के मई अनुबंध में पिछले सत्र से 4.04 फीसदी की तेजी के साथ 29.62 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार चल रहा था, जबकि दो दिन पहले बुधवार को इससे पहले ब्रेंट का भाव 24.52 डॉलर प्रति बैरल तक गिरा था. वहीं, न्यूयॉर्क मर्केटाइल एक्सचेंज (नायमैक्स) पर वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (डब्ल्यूटीआई) के मई के डिलेवरी अनुबंध में 5.33 फीसदी की तेजी के साथ 27.29 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा था, जबकि बुधवार को डब्ल्यूटीआई का भाव 20.06 डॉलर प्रति बैरल तक गिरा जो कि बीते 18 साल का सबसे निचला स्तर है.

यह भी पढ़ें: Gold Rate Today: सोने और चांदी में आज ट्रेडिंग से कैसे कमाएं मोटा पैसा, जानिए दिग्गज एक्सपर्ट्स की राय

कीमतों को स्थिर करने के लिए डोनाल्ड ट्रंप कर सकते हैं हस्तक्षेप

बता दें कि तेज निर्यातक देशों का समूह ओपेक और रूस के बीच, बीते दिनों में कच्चे तेल के उत्पादन में कटौती को लेकर सहमति नहीं बनने के बाद बाजार की हिस्सेदारी को लेकर ओपेक में शामिल प्रमुख तेल उत्पादक सउदी अरब और गैर-ओपेक सदस्य रूस के बीच कीमत की जंग छिड़ गई है, जिससे तेल की कीमतों में भारी गिरावट देखने को मिली. विदेशी मीडिया के अनुसार, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप तेल बाजार में स्थिरता लाने के लिए मौजूदा प्राइस वार में हस्तक्षेप कर सकते हैं.

यह भी पढ़ें: Petrol Diesel Price Today 20th March 2020: पेट्रोल और डीजल का दाम स्थिर, जानिए आज के एकदम ताजा भाव

तेल में आई गिरावट से अमेरिकी कंपनियों को बड़ा नुकसान

एंजेल ब्रोकिंग के डिप्टी वाइस प्रेसीडेंट (एनर्जी एवं करेंसी रिसर्च) ने कहा कि तेल के दाम में गिरावट से सबसे ज्यादा नुकसान अमेरिकी उत्पादक कंपनियों को हुआ है. अमेरिका में शेल से तेल का उत्पादन ज्यादा खर्चीला है, इसलिए अमेरिकी राष्ट्रपति हस्तक्षेप करें तो इसमें कोई अचरज नहीं है, लेकिन तेल के दाम में ज्यादा उठाव की उम्मीद कम है. वहीं, केडिया एडवायजरी के डायरेक्टर अजय केडिया ने कहा कि कोरोनावायरस के प्रकोप से दुनियाभर दुनियाभर में परिवहन व्यवस्था और उद्योग धंधे प्रभावित हुए हैं जिससे तेल की मांग काफी घट गई है, इसलिए बहरहाल बड़ी तेजी की संभावना नहीं दिखती है.

यह भी पढ़ें: उद्योगों के ऊपर कोरोना वायरस का कहर, देश की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) के कर्मचारी भी घर से करेंगे काम

इंडियन ऑयल पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन के सीनियर वाइस प्रेसीडेंट राकेश चौधरी ने बताया कि कोरोनावायरस के प्रकोप से परिवहन व्यवस्था प्रभावित होने से तेल की मांग घट गई है. पेट्रोल से ज्यादा गिरावट डीजल और सीएनजी में आई है. बकौल राकेश चौधरी पेट्रोल की मांग में बहरहाल 10 फीसदी की गिरावट आई है जबकि डीजल और सीएनजी की बिक्री 20 फीसदी से ज्यादा घट गई है.

Donald Trump Crude Oil MCX Brent Crude Crude Oil News WTI
Advertisment
Advertisment
Advertisment