Crude Oil Rates Hike: ग्लोबल मार्केट में लंबे समय से क्रूड ऑयल के भाव आसमान की ऊंचाईयां छू रहे हैं. इसी के साथ पेट्रोल- डीजल के दामों के बढ़ने का संकट लगातार बना हुआ है. फिलहाल लंबे समय से पेट्रोल- डीजल की कीमतों में राहत बनी हुई है, आखिरी बार देश की केंद्र सरकार ने कीमतों में एक्साइज ड्यूटी को घटा कर कटौती की थी. लेकिन एक बार फिर सरकारी तेल कंपनियों को ग्लोबल मार्केट में कच्चे तेल की कीमतों के बढ़ने से नुकसान झेलना पड़ रहा है. कई राज्यों में पेट्रोल पंप पर सप्लाई ना होने के चलते तेल की कमी होने लगी है. ग्लोबल मार्केट में कच्चे तेल की कीमतों में कोई सुधार नहीं आ रहा है. कच्चे तेल की कीमत 122 डॉलर के आंकड़े को छू चुकी हैं. इसी के साथ भारत जैसे क्रूड ऑयल के बड़े आयातक देशों के लिए क्रूड ऑयल की बढ़ती कीमतें एक बड़ा संकट बनी हुई हैं.
अभी नाकों चने चबवाएगा क्रूड ऑयल
क्रूड ऑयल की कीमतों को लेकर विशेषज्ञों का मानना है कि मौजूदा वैश्विक परिस्थितियों को देखते हुए क्रूड ऑयल की कीमतों के घटने का आसार ना करे बराबर हैं. रूस- यूक्रेन संकट का भी कोई समाधान नहीं निकलता दिख रहा वहीं तेल को लेकर चीन और भारत में मांग बढ़ सकती है. माना जा रहा है क्रूड ऑयल के भाव 128 डॉलर प्रति बैरल का आंकड़ा भी छू सकते हैं.
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भारत पर पड़ेगा प्रभाव
क्रूड ऑयल की बढ़ती कीमतें दुनिया भर के देशों के लिए संकट बना हुआ है. लेकिन दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा पेट्रोलियम आयातक देश भारत के लिए स्थितियां और गंभीर हो सकती हैं. भारत अपनी तेल जरूरतों का 85 फीसदी हिस्सा आयात करता है ऐसे में सरकारी तेल कंपनियों पर लगातार नुकसान के चलते पेट्रोल- डीजल की कीमतों को बढ़ाने का दबाव रहेगा. वहीं अगर सरकार पेट्रोल- डीजल की कीमतों से एक्साइज ड्यूटी को घटाए रखती है तो सरकार को टैक्स के रूप में मिलने वाले अरबों रुपये का घाटा होगा.
HIGHLIGHTS
- क्रूड ऑयल के भाव आगे भी बढ़ने के आसार
- सरकारी तेल कंपनियों को हो रहा है नुकसान
- पट्रोल- डीजल के रेट्स बढऩे की आशंका