कच्चे तेल में अंतर्राष्ट्रीय बाजार में पिछले दिनों की नरमी के बाद फिर तेजी लौटी है. इस सप्ताह अब तक कच्चे तेल के भाव में करीब तीन डॉलर प्रति बैरल की गिरावट आ चुकी है. अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल में नरमी रहने से घरेलू वायदा बाजार में भी कच्चे तेल का दाम 200 रुपये प्रति बैरल से ज्यादा गिरा है.
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पिछले सप्ताह के आखिरी सत्र में शुक्रवार को मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर कच्चे तेल का जुलाई वायदा 4,138 रुपये प्रति बैरल पर बंद हुआ था, जबकि इस सप्ताह पिछले सत्र में बुधवार को कच्चे तेल का भाव MCX पर 3,916 रुपये प्रति बैरल पर बंद हुआ.
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विदेशी बाजार में नरमी से घरेलू बाजार में दबाव
पिछले सत्र में विदेशी बाजार में कच्चे तेल के दाम में नरमी रहने के कारण MCX पर कच्चे तेल के वायदा सौदों में सत्र के आरंभ में नरम कारोबार चल रहा था. सुबह करीब 9.45 बजे कच्चे तेल का जुलाई अनुबंध पिछले सत्र से 10 रुपये की कमजोरी के साथ 3,906 रुपये प्रति बैरल पर बना हुआ था, जबकि इससे पहले भाव 3,903 रुपये प्रति बैरल पर खुला.
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वहीं, अंतर्राष्ट्रीय वायदा बाजार इंटरकांटिनेंटल एक्सचेंज यानी आईसीई पर गुरुवार को हालांकि ब्रेंट क्रूड का सितंबर डिलीवरी अनुबंध पिछले सत्र के मुकाबले 0.24 फीसदी की तेजी के साथ 63.81 डॉलर प्रति बैरल पर बना हुआ था लेकिन न्यूयार्क मर्केंटाइल एक्सचेंज पर डब्ल्यूटीआई का अगस्त अनुबंध तकरीबन सपाट 56.80 डॉलर प्रति बैरल पर बना हुआ था.
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इस हफ्ते तीन डॉलर तक लुढ़का भाव
विदेशी बाजार में कच्चे तेल के दाम में इस सप्ताह बीते दिनों के दौरान तकरीबन तीन डॉलर की नरमी आई है, पिछले सप्ताह के आखिर में बेंट क्रूड का भाव 66.72 डॉलर प्रति बैरल था जबकि डब्ल्यूटीआई का भाव पिछले सप्ताह 60.21 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुआ था. अंतर्राष्ट्रीय बाजार में पिछले सत्र में कच्चे तेल के भाव में आई नरमी अमेरिका में गैसोलीन के भंडार में जबरदस्त इजाफा होने से प्रेरित रही. हालांकि अमेरिकी एजेंसी इनर्जी इन्फोरमेशन यानी ईआईए की हालिया रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका में कच्चे तेल का भंडार पिछले सप्ताह थोड़ा घटा ही है.
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समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि बुधवार को EIA द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार अमेरिका में कच्चे तेल का उत्पाद पिछले सप्ताह औसतन 120 लाख बैरल रोजाना रहा, जो कि पिछले सप्ताह के मुकाबले तीन लाख बैरल प्रति दिन कम है लेकिन पिछले साल के मुकाबले करीब 10 लाख बैरल रोजाना अधिक है.
एंजेल ब्रोकिंग के डिप्टी वाइस प्रेसिडेंट (एनर्जी व करेंसी) अनुज गुप्ता ने बताया कि सप्ताह की शुरुआत में अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक वार्ता को लेकर बनी अनिश्चितता को लेकर कच्चे तेल में नरमी रही, क्योंकि चीन दुनिया में कच्चे तेल का एक बड़ा आयातक है. इसके बाद अमेरिका में गैसोलीन के भंडार में काफी इजाफा होने से कच्चे तेल के दाम में गिरावट आई है.
HIGHLIGHTS
- अमेरिका और चीन के व्यापारिक वार्ता में अनिश्चितता से कच्चे तेल में कमजोरी
- अमेरिका में गैसोलीन का स्टॉक बढ़ने से भी कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट
- विदेशी बाजार में कमजोरी से घरेलू वायदा बाजार MCX पर क्रूड पर दबाव