Edible Oil Latest Update: देश में खाने के तेल की लगातार बढ़ती महंगाई पर लगाम लगाने के प्रयास फिलहाल ज्यादा काम करते हुए दिखाई नहीं दे रहे हैं. दरअसल, इस साल पाम ऑयल का दाम करीब 15 फीसदी और सोयाबीन ऑयल का दाम करीब 12 फीसदी महंगा हो चुका है. दुनियाभर में खाद्य पदार्थों की महंगाई रिकॉर्ड ऊंचाई के करीब पहुंच गई है. बता दें कि पूरी दुनिया में भारत पाम ऑयल और सनफ्लावर ऑयल का सबसे बड़ा खरीदार है. ऐसे में कीमतों में बढ़ने का सबसे बड़ा असर भारत पर पड़ने की आशंका है.
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खाद्य तेल की महंगाई ने आम लोगों का बजट बिगाड़ा
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक देश में खाद्य पदार्थों में आई महंगाई ने आम लोगों के बजट को बिगाड़ दिया है और उसकी वजह से सरकार के ऊपर दबाव बढ़ गया है. सरकार ने खाद्य तेल की बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, लेकिन फिलहाल उसका कोई खास असर होता हुआ दिखाई नहीं दे रहा है.
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इंपोर्ट बढ़ाए और पीडीएस के तहत हो बिक्री
खाद्य तेल मार्केट से जुड़े जानकारों का कहना है कि सरकार अगर इंपोर्ट ड्यूटी में और कटौती करती है तो इसकी वजह से भी कीमतों में कमी आने की उम्मीद कम है. उनका कहना है कि तत्काल समाधान यह है कि सरकार को रिफाइंड पाम ऑयल का इंपोर्ट करना चाहिए और इसको पीडीएस के तहत बाजार मूल्य से कम दाम पर बेचना चाहिए. जानकारों का कहना है कि भारत को खाद्य तेल के लिए एक रिजर्व बनाने की जरूरत है ताकि जब भी कीमतों में बढ़ोतरी हो तो उसके असर से बचा जा सके. साथ ही किल्लत के समय कीमतों को काबू रखने के लिए भी रिजर्व में से सप्लाई जारी की जा सके.
HIGHLIGHTS
- दुनियाभर में खाद्य पदार्थों की महंगाई रिकॉर्ड ऊंचाई के करीब पहुंची
- इस साल सोयाबीन ऑयल का दाम करीब 12 फीसदी महंगा हुआ