Edible Oil Price Dropped: खाद्य तेल को लेकर बड़ी राहत मिल रही है. मार्केट में खाद्य तेल की मौजूद कई बड़ी कंपनियों ने तेल के दाम कम कर दिए हैं. अडानी विल्मर से लेकर पतंजलि ब्रांड तक के खाद्य तेल में 10 रुपये से लेकर 15 रुपये तक कीमतें गिर गई हैं. फूड सेक्रेटरी सुधांशु पांडे ने बीते बुधवार को कहा कि अंतरराष्ट्रीय दरों में कमी होने और सरकार के समय पर हस्तक्षेप के कारण खाद्य तेल की कीमतों में कमी आई है. जून महीने की शुरुआत के साथ से ही देश भर में डिब्बाबंद खाद्य तेलों की एवरेज खुदरा कीमतों में कमी आई है. फिलहाल मूंगलफली के तेल को छोड़कर देश में खाद्य तेल की कीमतें 150 से 190 रुपये प्रति किलोग्राम बनी हुई हैं.
सरकारी आंकड़ों के अनुसार कीमतों में इतना रहा बदलाव
खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार देश में प्रमुख खाद्य तेल ब्रांडों ने कीमतों में चरणबद्ध तरीके से कटौती की है. फिलहाल तेल की कीमतों में 10-15 रुपये प्रति लीटर की दर से कमी आई है. उपभोक्ता मामलों के विभाग के आंकड़े बताते हैं कि मूंगफली पैक्ड तेल की कीमत जहां 1 जून को 186.43 रुपये प्रति किलोग्राम थी वहीं 21 जून को यही कीमतें 188.14 रुपये प्रति किलोग्राम पर आ गईं.
सरसों के तेल की कीमत एक जून के 183.68 रुपये प्रति किलो थी जबकि 21 जून को यही कीमत घट कर 180.85 रुपये प्रति किलो पर आ गई. सोया तेल की कीमत 169.65 रुपये से घटकर 167.67 रुपये पर आई जबकि सूरजमुखी तेल कीमत 193 रुपये प्रति किलो से घटकर 189.99 रुपये पर लुढ़की. पाम ऑयल का भाव एक जून के 156.52 रुपये से घटकर 21 जून को 152.52 रुपये पर आ गया है.
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आयात शुल्क घटने का रहा प्रभाव
खाद्य तेल में नरमी का मुख्य कारण आयात शुल्क घटना रहा है. बता दें भारत अपनी खाद्य तेल की जरुरत का 50 फीसदी हिस्सा आयात करता है. जिसमें में 60 फीसदी पॉम ऑयल और 40 फीसदी सोयाबीन तेल और सूरजमुखी तेल आयात किया जाता है. आयात शुल्क घटने से खाद्य तेल कंपनियों की लागत में कटौती हुई है. यही वजह रही है कि खाद्य तेल कंपनियों ने कीमतों में ग्राहकों को छूट देना शुरू कर दिया है.
HIGHLIGHTS
- शुरुआती जून के बाद से ही कीमतों में हुई कटौती
- अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी कीमतों में नरमी हुई दर्ज
- आयात शुल्क घटने से कंपनियों के लागत खर्चे में कमी