Kharif Crop Sowing Report: देश के किसानों ने इस साल तिलहनों (Oilseed Crop) की खेती में काफी दिलचस्पी दिखाई है, जो खाने के तेल (Edible Oil) के आयात पर निर्भरता कम करने की दिशा में एक सकारात्मक संकेत है. किसानों ने पिछले साल के मुकाबले चालू खरीफ सीजन में 10 फीसदी ज्यादा तिलहन फसलों की बुवाई की है. केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, तिलहनों की बुवाई इस साल देशभर में 196.78 लाख हेक्टेयर में हुई है जो पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले 18.68 लाख हेक्टेयर यानी 10.49 फीसदी ज्यादा है.
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अब तक खरीफ फसल की रिकॉर्ड बुवाई
चालू बुवाई सीजन में किसानों ने खरीफ फसलों (All India Crop Situation) की बुवाई 1,113.63 लाख हेक्टेयर में की है जोकि अब तक का रिकॉर्ड स्तर है. पिछले साल की इसी अवधि में 1053.52 लाख हेक्टेयर में खरीफ फसलों की बुवाई हुई थी जिससे इस साल कुल रकबा 5.71 फीसदी अधिक है. मानसूनी बारिश औसत से ज्यादा होने से खरीफ सीजन में फसलों (Crop Wise Sowing Area) की रिकॉर्ड बुवाई हुई है. खरीफ सीजन की सबसे प्रमुख फसल धान की बुवाई 406.97 लाख हेक्टेयर में हुई है जो पिछले साल के मुकाबले 28.26 लाख हेक्टेयर यानी 7.46 फीसदी ज्यादा है. खरीफ दलहनों की बुवाई साल 138.62 लाख हेक्टेयर में हुई है जो पिछले साल से 6.28 लाख हेक्टेयर यानी 4.74 फीसदी अधिक है.
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कपास का रकबा पिछले साल से 2.38 लाख हेक्टेयर
किसानों ने इस साल अब तक 182.17 लाख हेक्टेयर में मोटे अनाजों की बुवाई की है जो पिछले साल के मुकाबले 3.53 लाख हेक्टेयर अधिक है. गन्ने की फसल इस साल 52.65 लाख हेक्टेयर हुई है जबकि पिछले साल 51.78 लाख हेक्टेयर में हुई थी. जूट और मेस्टा की खेती पिछले साल के 6.86 लाख हेक्टेयर की तुलना में इस साल 6.97 लाख हेक्टेयर में हुई है. कपास का रकबा पिछले साल से 2.38 लाख हेक्टेयर ज्यादा है. पिछले वर्ष के 127.09 लाख हेक्टेयर क्षेत्र के मुकाबले इस बार 129.47 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में कपास की बुवाई हुई है. चालू मानसून सीजन में एक जून से लेकर 18 सितंबर के बीच देशभर में औसत से सात फीसदी ज्यादा बारिश हुई है.