चालू फसल वर्ष 2020-21 (जुलाई-जून) के खरीफ सीजन में किसानों को दहलनी व तिलहनी फसलों का भाव न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से ऊंचा मिला. यही वजह है कि खरीफ विपणन सीजन में दलहनी व तिलहनी फसलों की सरकारी खरीद महज 3.10 लाख टन हुई है, जबकि केंद्र सरकार ने 30.17 लाख टन खरीद की मंजूरी दी थी. इस प्रकार, तय खरीद लक्ष्य का महज 10.23 फीसदी ही दलहनी व तिलहनी फसलें सरकारी एजेंसियों ने सीधे किसानों से एमएसपी पर खरीदा. ऑल इंडिया दाल मिल एसोसिएशन के अध्यक्ष सुरेश अग्रवाल ने बताया कि इस साल उड़द और मूंग का भाव एमएसपी से ऊपर रहा, जबकि सरकारी एजेंसियां एमएसपी पर खरीद करती है, इसलिए किसानों ने सरकारी एजेंसियों के बजाए बाजार में ऊंचे भाव पर अपनी फसल बेची.
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धान की सरकारी खरीद पिछले साल के मुकाबले 14.52 फीसदी ज्यादा
तिलहनी फसलों का भाव भी एमएसपी से काफी ऊंचा रहा, जिसके चलते सरकारी खरीद मंद रही. हालांकि इसके विपरीत खरीफ सीजन की प्रमुख फसल धान की सरकारी खरीद पिछले साल के मुकाबले 14.52 फीसदी ज्यादा हो चुकी है. केंद्रीय उपभोक्ता मामले खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय की ओर से शुक्रवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, देशभर में धान की खरीद चार मार्च तक 670.44 लाख टन हो चुकी है, जबकि पिछले साल इसी अवधि के दौरान सरकारी एजेंसियों ने धान की खरीद 585.41 लाख टन की थी. मंत्रालय से मिली जानकारी के अनुसार, धान की यह खरीद पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, उत्तराखंड, तमिलनाडु, चंडीगढ़, जम्मू और कश्मीर, केरल, गुजरात, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार, झारखंड, असम, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल और त्रिपुरा से की गई है और कुल खरीद में पंजाब की हिस्सेदारी 202.82 लाख टन है, यानी कुल खरीद का 30.25 फीसदी है.
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मंत्रालय ने बताया कि करीब 97.90 लाख किसानों को अब तक खरीदी गई धान के लिए एमएसपी के रूप में 1,26,580.51 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है. मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि तमिलनाडु, कर्नाटक, महाराष्ट्र, तेलंगाना, गुजरात, हरियाणा, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, ओडिशा, राजस्थान और आंध्र प्रदेश से खरीफ विपणन सत्र 2020-21 एवं रबी विपणन सत्र 2021 के लिए मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस) के तहत 94 लाख 39 हजार मीट्रिक टन दलहन और तिलहन की खरीद को भी मंजूरी प्रदान की गई है. आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल राज्यों से 1.23 लाख मीट्रिक टन खोपरा (बारहमासी फसल) की खरीद के लिए भी स्वीकृति दी गई है.
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इसी तरह से 5,089 मीट्रिक टन खोपरा (बारहमासी फसल) की खरीद कर्नाटक और तमिलनाडु राज्यों से की गई है, जिससे 3,961 किसानों को लाभान्वित हुए हैं और उन्हें एमएसपी के रूप में 52 करोड़ 40 लाख रुपये का भुगतान किया गया है. वहीं, चार मार्च तक पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, ओडिशा और कर्नाटक 18,97,002 किसानों से 91,80,412 गांठ कपास की सरकारी खरीद की गई है, जिसके लिए उन्हें एमएसपी के तौर पर 26,716.31 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है. (इनपुट आईएएनएस)
HIGHLIGHTS
- दलहनी और तिलहनी फसलों की सरकारी खरीद महज 3.10 लाख टन हुई
- धान की सरकारी खरीद पिछले साल के मुकाबले 14.52 फीसदी ज्यादा हो चुकी है