चीन के बाद भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा आलू उत्पादक देश है, लेकिन निर्यात की बात करें तो देश के कुल उत्पादन का एक फीसदी भी आलू निर्यात (Potato Export) नहीं होता है. लिहाजा, सरकार निर्यात बढ़ाने के लिए प्रमुख आलू उत्पादक क्षेत्रों को चिन्हित कर रही है, जहां एक्सपोर्ट क्वालिटी (Export Quality) के आलू का उत्पादन होता है. भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (Indian Council of Agricultural Research-ICAR) के तहत संचालित व हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला स्थित केंद्रीय आलू अनुसंधान संस्थान के निदेशक डॉ. स्वरूप कुमार चक्रवर्ती ने बताया कि इसके लिए देश के पांच प्रमुख आलू उत्पादक राज्य पहले ही चिन्हित किए गए हैं जहां से आलू निर्यात की काफी संभावना है. ये राज्य उत्तर प्रदेश, पंजाब, पश्चिम बंगाल, मध्यप्रदेश और गुजरात हैं.
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गुजरात से होता है सबसे ज्यादा एक्सपोर्ट
उन्होंने बताया कि इस समय सबसे ज्यादा आलू निर्यात गुजरात से होता है, उसके बाद उत्तर प्रदेश व अन्य राज्यों से होता है. डॉ. चक्रवर्ती ने बताया कि देश से तकरीबन चार लाख टन आलू निर्यात होता है, जिसमें करीब एक लाख टन यानी 25 फीसदी आलू गुजरात से निर्यात किया जाता है. भारत नेपाल, श्रीलंका, ओमान, इंडोनेशिया, मलेशिया, मॉरीशस जैसे देशों को आलू निर्यात करता है. इनमें सबसे ज्यादा निर्यात नेपाल को होता है. डॉ. सिंह ने कहा कि एक्सपोर्ट क्वालिटी के आलू का उत्पादन होने पर अन्य देशों में भी निर्यात की संभावना तलाशी जा सकती है.
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उत्तर प्रदेश सबसे बड़ा आलू उत्पादक राज्य
बता दें कि उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा आलू उत्पादक राज्य है जहां तकरीबन 140 लाख टन आलू का उत्पादन होता है. इसके बाद पश्चिम बंगाल में करीब 120 लाख टन और बिहार में 90-100 लाख टन आलू का उत्पादन होता है. उन्होंने बताया कि पंजाब, गुजरात, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और मध्यप्रदेश में ऐसे उत्पादक क्षेत्रों को चिन्हित किया जा रहा है जो पेस्ट फ्री जोन हैं. मतलब जहां आलू पर विनाशकारी कीट का प्रकोप नहीं है और वहां का आलू दुनिया के देशों को निर्यात किया जा सकता है. उन्होंने बताया कि देश में आलू का निर्यात की काफी संभावना है और निर्यात बढ़ने से किसानों को उनकी फसल का अच्छा भाव मिलेगा.
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1 दशक में आलू उत्पादन 52.79 फीसदी बढ़ा
भारत में बीते एक दशक में आलू के उत्पादन में 52.79 फीसदी का इजाफा हुआ है और आगे 2050 तक इसमें सालाना तीन फीसदी की उत्तरोत्तर वृद्धि होने का अनुमान है. वर्ष 2008-09 देश में आलू का कुल उत्पादन 346.6 लाख टन था, जो वर्ष 2018-19 में बढ़कर 529.59 लाख टन हो गया. एक रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक स्तर पर आलू उत्पादन की बात करें तो 1961 से लेकर 2016 के दौरान दुनिया में आलू का उत्पादन 27.05 करोड़ टन से बढ़कर 37.68 करोड़ टन हो गया, हालांकि आलू की बढ़ती खपत मांग को पूरा करने के लिए 2050 तक उत्पादन बढ़ाकर 71.15 करोड़ टन करने की जरूरत है.
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गुजरात की राजधानी गांधीनगर में इस सप्ताह 28-30 जनवरी तक तीन दिवसीय विश्व आलू सम्मेलन का आयोजन होने जा रहा है, जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए करेंगे. सम्मेलन में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर बतौर मुख्य अतिथि शिरकत करेंगे और गुजरात के मुख्यमंत्री विजयभाई रूपाणी कार्यक्रम की अध्यक्षता करेंगे. इस मौके पर केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री पुरुषोत्तम रूपाला और कैलाश चौधरी भी मौजूद रहेंगे.