अनाज (Foodgrain) और तेल (Edible Oil) की आपूर्ति निर्बाध रखने एवं किसानों को उनकी उपज का मूल्य दिलाने के लिए हरियाणा सरकार (Haryana Government) 15 अप्रैल से ही फसल की खरीद शुरू करने जा रही है. गौरतलब है कि दिल्ली में खाद्यान्नों का एक बड़ा हिस्सा हरियाणा से ही आता है. हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि राज्य सरकार (State Government) ने 15 अप्रैल से सरसों (Mustard) की और 20 अप्रैल से गेहूं (Wheat) की खरीद शुरू करने का फैसला किया है.
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राज्य की मंडियों में क्रमबद्ध तरीके से खरीदी जाएगी फसल
राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि सामूहिक रूप से किसान की उपज की खरीद की बजाए राज्य की मंडियों में फसल को क्रमबद्ध तरीके से खरीदा जाएगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि उच्च उपज वाले बड़े किसानों से अनुरोध किया जाएगा कि वे अपनी उपज को अपने घर या किसी अन्य स्थान पर संग्रहीत करें. उपज की खरीद करते समय, छोटे किसानों को प्राथमिकता दी जाएगी. सरकार ने किसानों के फसली ऋण की किश्त की अदायगी की तारीख 15 अप्रैल की बजाए 30 जून कर दी है.
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मुख्यमंत्री ने कहा कि कई प्रवासी मजदूर जो राहत शिविरों में रह रहे हैं, उन्होंने स्थानीय स्तर पर काम करने की इच्छा व्यक्त की है. उन्होंने कहा कि राज्य में लगभग 4500 कंबाइन हार्वेस्टर हैं और यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया जाएगा कि जो कंबाइन हार्वेस्टर मध्य प्रदेश राज्य से हरियाणा में आती हैं वे भी यहां कटाई के समय पर पहुंच सकें. हरियाणा ने केंद्र सरकार से अनुरोध किया है कि वह उन किसानों के लिए राज्य को राहत पैकेज प्रदान करें, जो सीजन के अंत में मंडियों में अपनी उपज लेकर आएंगें. राज्य सरकार ने उम्मीद जताते हुए कहा कि केन्द्र सरकार किसानों के हित में राज्य के अनुरोध पर विचार करेगी.
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राशन कार्ड धारों को 5 अप्रैल तक राशन उपलब्ध कराया जाएगा
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी राशन कार्ड धारकों को 5 अप्रैल, 2020 तक राशन उपलब्ध कराया जाएगा. जिन लोगों के पास राशन कार्ड नहीं हैं, उनके लिए पैक्ड राशन की व्यवस्था की गई है. स्थानीय नेताओं, गैर सरकारी संगठनों और अन्य सामाजिक संगठनों की सहायता से ऐसे लाभार्थियों की एक सूची भी तैयार की जाए.