सरकारी एजेंसियां चालू खरीफ सीजन में किसानों से पिछले साल के मुकाबले करीब 25 फीसदी ज्यादा धान खरीद चुकी है. इसी तरह, कपास की सरकारी खरीद भी तेज रफ्तार से चल रही है. मगर, दलहन और तिलहन फसलों की बात करें तो इनकी सरकारी खरीद काफी सुस्त रही है. वजह, साफ है कि किसानों को इस साल दलहन और तिलहन फसलों का दाम बाजार में एमएसपी के के करीब या उससे अधिक मिल रहा है, इसलिए वे सरकारी एजेंसियों के बजाए सीधे बाजार में बेच रहे हैं.
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चालू सीजन में धान का MSP कॉमन ग्रेड के लिए 1,868 रुपये और ग्रेड-ए के लिए 1,888 रुपये प्रति क्विंटल
केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने मंगलवार को बताया कि चालू खरीफ मार्केटिंग सीजन 2020-21 में पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, उत्तराखंड, तमिलनाडु, चंडीगढ़, जम्मू-कश्मीर, केरल, गुजरात, आंध्रप्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार, झारखंड, असम, कर्नाटक और पश्चिम बंगाल में चार जनवरी तक धान की कुल सरकारी खरीद 506.33 लाख टन हो चुकी थी. पिछले साल इसी अवधि के दौरान सरकारी एजेंसियों ने देशभर में धान की सरकारी खरीद 405.10 लाख टन हुई थी. इस प्रकार सरकारी एजेंसियों ने पिछले साल के मुकाबले इस साल 24.98 फीसदी ज्यादा धान किसानों से एमएसपी पर खरीदा है. केंद्र सरकार ने चालू सीजन में धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) कॉमन ग्रेड के लिए 1,868 रुपये और ग्रेड-ए के लिए 1,888 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है.
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केंद्र सरकार के आंकड़ों के अनुसार, सबसे ज्यादा 202.77 लाख टन धान पंजाब के किसानों से खरीदा गया है जो कि कुल खरीद का 40.04 फीसदी है. आंकड़े बताते हैं कि एमएसपी पर हुई धान की सरकारी खरीद का कुल मूल्य 95,596.84 करोड़ रुपये है जिसका फायदा 65.32 लाख किसानों को मिला है. इसी प्रकर, भारतीय कपास निगम ने पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, तेलंगाना, आंध्रप्रदेश, ओडिशा और कर्नाटक के किसानों से एमएसपी पर चार जनरी 2021 तक 77,97,758 गांठ कपास की खरीद की है जिसका मूल्य 22,818.54 करोड़ रुपये है और इसका लाभ 15,11,519 किसानों को मिला है.
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हालांकि, दलहन और तिलहनों की सरकारी खरीद चार जनवरी तक महज 2,70,579.82 टन हुई है, जबकि चालू खरीफ सीजन में केंद्र सरकार ने कीमत समर्थन स्कीम यानी पीएसएस के तहत तमिलनाडु, कर्नाटक, महाराष्ट्र, तेलंगाना, गुजरात, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, ओडिशा, राजस्थान और आंध्रप्रदेश से 51.66 लाख टन दहलनों और तिलहनों की खरीद की मंजूरी दी है. ऑल इंडिया दाल मिल्स एसोसिएशन के अध्यक्ष सुरेश अग्रवाल बताते हैं कि इस साल दलहलों का दाम उंचा होने के कारण किसानों ने सरकारी एजेंसियों को अपनी उपज नहीं बेचा. उन्होंने बताया कि उड़द का बाजार भाव एमएसपी से काफी उपर चल रहा है जबकि मूंग और अरहर का भाव भी इस समय एमएसपी के करीब ही है. इसी प्रकार, सोयाबीन और मूंगफली का बाजार भाव भी एमएसपी से काफी ऊपर चल रहा है.