Government Will Reduce Cess On Edible Oil: एडिबल ऑयल (edible oil) हर घर के किचन की बेसिक जरूरत है, तेल नहीं मतलब खाना नहीं. खाने का तेल (edible oil) महंगा होता है तो इसका सीधा असर आम आदमी की जेब पर पड़ता है. वहीं पिछले कुछ समय से एडिबल ऑयल (edible oil) के भाव आसमान की ऊंचाईयों को छू रहे हैं. दामों का इजाफा (edible oil Price Hike) हर किसी को रुला रहा है लेकिन बढ़े हुए दामों का भार (edible oil Price Hike) अब आपको ज्यादा समय तक नहीं उठाना होगा. आम आदमी के लिए एक अच्छी खबर आ रही है. यह अच्छी खबर एडिबल ऑयल (edible oil) को लेकर आ रही है. देश की केंद्र सरकार अब आपकी इस परेशानी को कम करने का काम करेगी. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सरकार एडिबल ऑयल के आयात पर खर्चे को कम करने की प्लानिंग में है.
खाद्य तेल के संकट के बीच सरकार अपनाएगी इंडोनेशिया से बातचीत का रास्ता
मीडिया रिपोर्ट्स से मिल रही जानकारी के मुताबिक मिनिस्ट्री खाद्य तेल के आयात पर 5 फीसदी एग्री सेस (Agriculture Infrastructure and Development Cess) को घटाने की तैयारियों में है. दरअसल भारत पाम ऑयल की जरूरतों के लिए बहुत हद तक इंडोनेशिया पर निर्भर है, वहीं इंडोनेशिया ने पाम ऑयल और क्रूड पॉम ऑयल पर रोक लगा दी है. जिससे एडिबल ऑयल क्राइसिस की स्थिति उत्पन्न हो गई है. हालांकि सरकार दुनिया के सबसे बड़े पाम ऑयल एक्सपोर्टर देश इंडोनेशिया से डिप्लोमैटिक बातचीत का रास्ता भी अपना रहा है.
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कैसे कम होगा बढ़े हुए दामों का बोझ
सरकार सेस (Agriculture Infrastructure and Development Cess) घटाने की तैयारियों में है ताकि देश में एडिबल ऑयल क्राइसिस (edible oil Crisis) से खाद्य तेल की कीमतें डबल ना हो जाएं. वहीं दूसरी ओर, पाम ऑयल से दूसरे तेल विकल्पों पर शिफ्ट होने के लिए भी सरकार अवेयरनेस प्रोग्राम भी चला रही है. इस संबंध में एक बड़े अधिकारी का कहना है कि सेस (Agriculture Infrastructure and Development Cess) घटाने से कीमतों में कमी तो आएगी लेकिन बहुत हद तक इसे कम नहीं किया जा सकता. क्यों कि एडिबल ऑयल पर सेस केवल 5 फीसदी ही लगता है.
HIGHLIGHTS
- खाद्य तेल पर सेस 5 फीसदी लगता है
- सेस के घटने से इसका प्रभाव कीमतों में आएगा