देश में कोरोना की दूसरी लहर करीब खत्म हो चुकी है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि तीसरी लहर भी आएगी. वहीं, इस महामारी के बीच कोरोना से जुड़ी राहत सामग्री जैसे कि मेडिकल ऑक्सीजन, ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर, ऑक्सीजन सिलेंडर, मास्क और ब्लैक फंगस की दवा पर किस दर से जीएसटी वसूला जाए, इसका फैसला शानिवार को जीएसटी काउंसिल की बैठक में होगा. वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार को ट्वीट करके जानकारी दी कि वित्त मंत्री जीएसटी काउंसिल की शनिवार को होने वाली 44वीं बैठक की अध्यक्षता करेंगी. इस बैठक में वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर, राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के वित्त मंत्री, केन्द्र और राज्य सरकारों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे. बैठक में कोरोना राहत सामग्री पर टैक्स छूट के लिए बनाए गए मंत्री समूह की रिपोर्ट पर विचार किया जाएगा.
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कोरोना राहत सामग्री पर जीएसटी छूट देने को विचार किया था
मंत्री समूह ने मेडिकल ऑक्सीजन, पल्स आक्सीमीटर, हैंड सैनेटाइजर्स और वेंटलेंटर्स जैसी कोरोना राहत सामग्री पर जीएसटी छूट देने को विचार किया था. वहीं आठ सदस्यों वाले इस समूह में कुछ राज्यों के वित्त मंत्रियों ने कोरोना वैक्सीन, दवा, टेस्टिंग किट इत्यादि पर भी कर की दर कम करने के लिए कहा था. मंत्री समूह के सदस्य उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने बुधवार को कहा था कि कोविड के मरीजों की सहायता के लिए राज्य सरकार कर कटौती के पक्ष में है. लेकिन इस पर अंतिम निर्णय जीएसटी काउंसिल करेगी.
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पिछली जीएसटी काउंसिल की बैठक 28 मई को हुई थी
जीएसटी काउंसिल की 28 मई को हुई बैठक में कोरोना से जुड़ी राहत सामग्री पर कर की दर तय करने के फैसले को छोड़ दिया गया था. इस पर विचार के लिए ही ये मंत्री समूह बनाया गया था. अब शनिवार को काउंसिल की 44वीं बैठक में इस पर निर्णय होगा. अभी देश में घरेलू तौर पर बनी कोरोना वैक्सीन पर 5% जीएसटी, जबकि कोरोना से जुड़ी दवाओं और ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर पर 12% जीएसटी लगता है. काउंसिल ने अपनी 28 मई की बैठक में ब्लैक फंगस के इलाज में काम आने वाली दवा ‘एम्फोटेरिसिन-बी के आयात को कर से छूट प्रदान कर दी थी.
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केंद्रीय कर्मचारियों को खर्च घटाने के आदेश
कोरोना संकट के बीच केंद्र सरकार ने खर्च पर अंकुश लगाने का आदेश दिया है. ये आदेश केंद्र सरकार के कर्मचारियों के ओवरटाइम भत्ते जैसी कई चीजों को प्रभावित करेगा. जाहिर तौर पर ये आदेश कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई में बढ़ते खर्चों को पूरा करने के लिए है. गौरतलब हो कि वित्त मंत्रालय ने पिछले वित्त वर्ष में दो बार मंत्रालयों और विभागों द्वारा खर्च में कटौती का आदेश दिया था, लेकिन ओवरटाइम भत्ता और रिवार्ड्स जैसे मदों पर ऐसा आदेश नहीं दिया था.
HIGHLIGHTS
- GST काउंसिल की बैठक आज
- केंद्रीय कर्मचारियों को खर्च घटाने के आदेश
- ओवरटाइम भत्तों में होगी कटौती