सरकार ने मलेशिया से पाम तेल (Palm Oil) की एक विशेष किस्म के आयात में कथित तौर पर आये उछाल की जांच शुरू की है. यह जांच सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (SEA) की शिकायत के बाद शुरू की गयी है. वाणिज्य मंत्रालय की जांच इकाई व्यापार उपचार महानिदेशालय (डीजीटीआर) ने कहा है कि याचिकाकर्ता के आवेदन का परीक्षण करने के बाद प्रथमदृष्ट्या आयात में उल्लेखनीय वृद्धि होने और इससे घरेलू उत्पादकों पर गंभीर असर पड़ने का सबूत मिलता है.
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घरेलू उत्पादकों पर असर पड़ने पर बढ़ सकता है शुल्क
डीजीटीआर ने एक अधिसूचना में कहा है कि यह तय किया गया है कि विचाराधीन उत्पाद का मलेशिया से आयात बढ़ा है या नहीं और यदि बढ़ा है तो इससे घरेलू उत्पादकों को नुकसान हुआ है या नहीं, यह तय करने के लिये जांच शुरू की जाए. अगर यह पाया गया कि आयात बढ़ने से घरेलू उत्पादकों पर असर पड़ा है तो डीजीटीआर पाम तेल पर शुल्क लगाने की सिफारिश करेगा.
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शुल्क लगाने के बारे में वित्त मंत्रालय अंतिम निर्णय लेगा. यह जांच भारत-मलेशिया व्यापक आर्थिक सहयोग समझौता (द्विपक्षीय सुरक्षोपाय) नियम, 2017 के नियमों के तहत की जाएगी. यह समझौता एक तरह से मुक्त व्यापार समझौता है जिसके तहत दोनों देश उनके बीच होने वाले व्यापार की कई वस्तुओं पर सीमा शुल्क कम करते हैं.