भारत सरकार चीनी के निर्यात (Sugar Export) पर बैन लगा सकती है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, घरेलू मांग बढ़ने की वजह से कीमतों में आ रही उछाल को नियंत्रित करने के उद्देश्य से सरकार ये कदम उठा रही है. साल 2016 में भी सरकार ने ऐसा ही कदम उठाया था. हालांकि इस बार सरकार दूसरे विकल्पों की तरफ भी देख रही है, जिसमें चीनी के निर्यात को सीमित करना भी शामिल है. इसके पीछे का गणित कुछ तरह से लगाया जा रहा है कि सरकार उतनी ही चीनी निर्यात करे, जो उसके घरेलू खपत से अधिक है. इस तरह से घरेलू बाजार के साथ अंतरराष्ट्रीय बाजार को भी नियंत्रित किया जा सकेगा.
एशियाई और अफ्रीकी देशों में ज्यादा है भारतीय चीनी की मांग
आयात-निर्यात पर नजर रखने वाली एक एजेंसी के हवाले से मीडिया में इस तरह की खबरें आ रही हैं कि सरकार चीनी के निर्यात को नियंत्रित करना चाहती है. ताकि वो दुनिया भर में आपूर्ति के चक्कर में अपना घरेलू बजट न बिगाड़े. भारत के पास चीनी का बड़ा भंडार भी है, लेकिन इस फसली वर्ष चीनी के उत्पादन में उतार-चढ़ाव आया है. ऐसे में भारत सरकार चीनी के निर्यात को पूरी तरह से प्रतिबंधित न करके, सीमित मात्रा में निर्यात को अनुमति दे सकती है. भारतीय चीनी की मांग एशियाई और अफ्रीकी देशों में ज्यादा है.
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भारत सबसे बड़ा चीनी उत्पादक देश, निर्यात में दूसरा नंबर
आंकड़ों के मुताबिक भारत दुनिया में सबसे ज्यादा चीनी उत्पादित करने वाला देश है. हालांकि घरेलू खपत के चलते वो दुनिया में निर्यात के मामले में ब्राजील से पीछे दूसरे नंबर पर है. चूंकि गेहूं और चीनी का उत्पादन रूस और यूक्रेन भी करते हैं, लेकिन दोनों ही देश युद्ध में उलझे हैं. वहीं, रूस पर तमाम अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध भी लगे हैं. ऐसे में भारतीय चीनी की मांग तेज हो रही है. इसके अलावा एक वजह ये भी है कि भारत की चीनी गन्ने से बनती है, वहीं रूस की चीनी अधिकतर चुकंदर से बनती है. ऐसे में दोनों की क्वॉलिटी में भी अंतर रहता है. यही वजह है कि भारतीय चीनी उच्च गुणवत्ता की मानी जाती है.
इस साल अब तक 7.5 मिलियन टन चीनी का निर्यात
भारत सरकार इस साल 17 मई तक 7.5 मिलियन टन चीनी का निर्यात कर चुकी है. वो इसकी मात्रा 10 मिलिटन टन तक सीमित करने पर विचार कर रही है. भारतीय चीनी के मुख्य ग्राहक इंडोनेशिया, अफगानिस्तान, श्रीलंका, बांग्लादेश, संयुक्त अरब अमीरात, मलेशिया और अफ्रीकी देश हैं. ऐसे में चीनी के निर्यात पर रोक लगाने से इन देशों का बजट गड़बड़ हो सकता है. बता दें कि उत्तर प्रदेश राज्य पूरे देश में सबसे बड़ा गन्ना उत्पादक राज्य है. इसके अलावा महाराष्ट्र और कर्नाटक क्रमश: दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं. ये तीनों राज्य देश के कुल चीनी उत्पादक का 80 फीसदी चीनी उत्पादित करते हैं. इन राज्यों के अलावा आंध्र प्रदेश, गुजरात, मध्य प्रदेश, ओडिशा, तमिलनाडु, बिहार, हरियाणा और पंजाब भी गन्ना उत्पादक राज्य हैं.
HIGHLIGHTS
- चीनी निर्यात पर बैन लगा सकती है भारत सरकार
- रूस पर बैन लगने से चीनी की मांग बढ़ी
- घरेलू बाजार में भी चीनी के दाम न बढ़ने देने की चुनौती