भारतीय कॉटन (Indian Cotton) की एक्सपोर्ट मांग में बढ़ोतरी, जानिए क्या है वजह

उद्योग संगठन कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया (CAI) से मिली जानकारी के अनुसार, भारत ने चालू सीजन में अब तक तकरीबन 14-15 लाख गांठ कॉटन का निर्यात किया है.

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Dhirendra Kumar
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भारतीय कॉटन (Indian Cotton) की एक्सपोर्ट मांग में बढ़ोतरी, जानिए क्या है वजह

कॉटन एक्सपोर्ट (Cotton Export)( Photo Credit : IANS)

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कॉटन एक्सपोर्ट (Cotton Export): वैश्विक बाजार के मुकाबले भारतीय रूई (Indian Cotton) सस्ती होने से हाल के दिनों में इसकी निर्यात मांग बढ़ी है और भारत ने चालू कॉटन सीजन 2019-20 (अक्टूबर-सितंबर) में अब तक तकरीबन 15 लाख गांठ (एक गांठ में 170 किलो) रूई का निर्यात किया है. उद्योग संगठन कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया (Cotton Association Of India-CAI) से मिली जानकारी के अनुसार, भारत ने चालू सीजन में अब तक तकरीबन 14-15 लाख गांठ कॉटन का निर्यात किया है.

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चालू सीजन में तकरीबन 42 लाख गांठ कॉटन का एक्सपोर्ट करेगा भारत
सीएआई (CAI) के प्रेसिडेंट अतुल गंतरा ने बताया कि उम्मीद की जा रही है चालू सीजन में भारत तकरीबन 42 लाख गांठ रूई का निर्यात करेगा. उन्होंने बताया कि इस समय भारतीय रूई का सबसे बड़ा खरीदार बांग्लादेश है. अंतर्राष्ट्रीय बाजार में रूई के दाम में बीते तीन महीने में रूई के दाम में तकरीबन 10 सेंट प्रति पौंड यानी 16 फीसदी की तेजी आई है, जिससे भारतीय रूई वैश्विक बाजार में सबसे सस्ती हो गई है.

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अंतर्राष्ट्रीय बाजार में सबसे सस्ता है भारतीय कॉटन
मुंबई के डीडी कॉटन के प्रबंध निदेशक अरुण शेखसरिया ने कहा कि भारतीय रूई इस समय अंतर्राष्ट्रीय बाजार में सबसे सस्ती है. उन्होंने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में अमेरिका, ब्राजील, आस्ट्रेलिया और पश्चिमी अफ्रीकी देशों की रूई की कीमत जहां 82-84 सेंट प्रति पौंड हैं वहां भारत की रूई का दाम 76-77 सें प्रति पौंड है, इसलिए निर्यात मांग बनी हुई है. उधर, सीसीआई ने अब तक तकरीबन 40 लाख गांठ कपास न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर किसानों से खरीदा है. उन्होंने कहा कि सीसीआई की खरीद अभी चालू है और किसानों को उनकी फसल का वाजिब भाव मिल रहा है.

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निर्यात मांग बढ़ने और भारतीय कपास निगम (सीसीआई) की खरीद जोर पकड़ने से किसानों को उनकी फसल का वाजिब दाम मिलने लगा है. बाजार सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, किसान निजी कारोबारियों को भी एमएसपी से कम दाम पर कपास नहीं बेच रहे हैं. चालू सीजन में भारत सरकार ने मध्यम रेशा कपास को एमएसपी 5,255 प्रति क्विंटल जबकि लंबा रेशा 5,550 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है.

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चालू सीजन में 14 अक्टूबर 2019 को इंटरकांटिनेंटल एक्सचेंज (आईसीई) पर रूई का दाम 62.20 सेंट प्रति पौंड तक लुढ़का था, लेकिन अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड डील की संभावनाओं से रूई के दाम में जोरदार तेजी आई और भाव 71 सेंट प्रति पौंड से ऊपर चला गया था. हालांकि बुधवार को अमेरिका और चीन के बीच पहले चरण के ट्रेड डील पर हस्ताक्षर होने के बाद अंतर्राष्ट्रीय बाजार में रूई के दाम में नरमी देखी जा रही है, लेकिन कमोडिटी बाजार के जानकार बताते हैं कि मुनाफावसूली के कारण कॉटन के दाम में नरमी आई है. उधर, घरेलू बाजार में रूई की आवक बढ़ने से कीमतों में नरमी देखी बनी हुई है.

Source : IANS

Indian Cotton Cotton Association Of India Cotton Export Kapas CAI
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